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मनरेगा योजना: बंगाल में एक साल में करीब 15 लाख फर्जी जॉब कार्ड रद्द

jantaserishta.com
23 Feb 2023 8:09 AM GMT
मनरेगा योजना: बंगाल में एक साल में करीब 15 लाख फर्जी जॉब कार्ड रद्द
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कोलकाता (आईएएनएस)| पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत पिछले एक साल के दौरान करीब 15 लाख फर्जी जॉब कार्ड रद्द किए गए हैं। ग्रामीण विकास विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि प्रदेश में चालू वित्त वर्ष में अब तक रद्द किए गए फर्जी जॉब काडरें का सही आंकड़ा 14,17,557 है। यह एक सतत प्रक्रिया है और 31 मार्च 2023 तक यह संख्या बढ़कर 15 लाख को पार करने की उम्मीद है।
पता चला है कि पिछले चार महीनों के दौरान, राज्य पंचायत मामलों और ग्रामीण विकास विभाग ने राज्य में फर्जी जॉब काडरें की पहचान करने और उन्हें रद्द करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है।
अधिकारी ने कहा कि यह अभियान वास्तव में बहुत मददगार रहा है और रद्द किए गए काडरें की संख्या इस हद तक बढ़ गई है। हालांकि, फर्जी जॉब काडरें की पहचान और रद्द करने के अलावा, विभाग ने नए जॉब कार्ड जारी करने की प्रक्रिया जारी रखी है। लगभग 2,50,000 नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रक्रिया में लगे विभागीय कर्मचारियों और फील्ड कर्मियों पर यह सुनिश्चित करने के अतिरिक्त कार्य का बोझ डाला गया है कि जारी किए गए नए जॉब कार्ड कार्ड धारकों के आधार कार्ड से लिंक हों, और साथ ही जिन बैंक खातों में 100 दिन की नौकरी की मजदूरी सीधे हस्तांतरित की जाएगी, वे भी आधार से लिंक हों। आधार को जॉब कार्ड से जोड़ना केंद्र सरकार द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य है कि भुगतान वास्तविक व्यक्तियों के बैंक खातों में जाए।
हाल ही में पश्चिम मिदनापुर जिले में एक प्रशासनिक समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने विभिन्न केंद्र-प्रायोजित योजनाओं में ऑनलाइन सिस्टम को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार के आग्रह पर असंतोष व्यक्त किया।
सीएम ने सवाल किया था कि केंद्र सरकार ग्रामीण लोगों के जीवन में पूरी तरह से ऑनलाइन सिस्टम शुरू करना चाहती है। लेकिन हाशिए पर रहने वाले समुदाय इसके आदी कैसे हो सकते हैं? इसलिए, उनका जीवन दयनीय होता जा रहा है। केंद्र ने मनरेगा के तहत 100 दिन की नौकरी योजना के लिए पैसे के भुगतान के लिए आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन क्या केंद्र सरकार को इस बात की जानकारी है कि राज्य के कई ग्रामीण ब्लॉकों में एक भी बैंक की शाखा नहीं है? वहां रहने वाले लोग क्या करेंगे?
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