राजस्थान की सियासत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तरफ से दांव-पेच चले जा रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायक और पूर्व मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा ने सोमवार को सीधे तौर पर कांग्रेस आलाकमान पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि हम नहीं होते तो राजस्थान में आज कांग्रेस अपने सरकार गिरने की पुण्यतिथि मना रही होती. क्योंकि इनके 19 विधायक चले गए थे. हमारे जैसे बहुजन समाज पार्टी से आए हुए विधायक और निर्दलीय विधायकों ने सरकार बचायी है. कांग्रेस आलाकमान को इतनी बात समझ में नहीं आ रही है, पता नहीं कांग्रेस आलाकमान क्या सोच रहा है.
बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल होने वाले विधायकों में एक राम लखन मीणा और संदीप यादव ने भी कहा कि हम लोगों ने कांग्रेस सरकार का समर्थन किया था मगर बदले में कांग्रेस सरकार ने हमें कुछ नहीं दिया. जल्द ही मंत्रिमंडल में विस्तार होना चाहिए और नियुक्तियां होनी चाहिए. कांग्रेस आलाकमान के खिलाफ इस तरह से विधायक गुढ़ा के फ्रंट खोलने को लेकर माना जा रहा है कि हो सकता है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सचिन पायलट गुट के विधायकों को एडजस्ट करने का दबाव हो. इसके खिलाफ गुढ़ा को कांग्रेस आला कमान के खिलाफ मैदान में उतारा गया हो.
अमूमन कांग्रेस का कोई भी विधायक कांग्रेस आलाकमान के विरोध में इस तरह से नहीं बोलता है. वहीं खबर है कि बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में आए छह विधायकों ने मीटिंग भी की है. माना जा रहा है कि कांग्रेस के गुट की तरफ से यह मीटिंग आयोजित करवाई गई है ताकि सचिन पायलट गुट की मांगों को कम किया जा सके.