दिल्ली की एक कोर्ट ने वर्ष 2016 में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सुरक्षा गार्डों के साथ मारपीट के मामले में आम आदमी पार्टी विधायक सोमनाथ भारती को सुनाई गई दो साल की कैद की सजा के आदेश को बरकरार रखते उनकी अपील को आंशिक रूप से खारिज कर दिया। सजा सुनाए जाने के तुरंत बाद सोमनाथ भारती को हिरासत में लिया गया। इससे पहले जनवरी महीने में कोर्ट ने 'आप' विधायक सोमनाथ भारती को सुनाई गई दो साल की सजा को ने निलंबित कर दिया था। मजिस्ट्रेट कोर्ट की तरफ से 23 जनवरी को सुनाई गई सजा के खिलाफ दायर अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश विकास ढल की अदालत ने यह निर्देश दिया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 सितंबर, 2016 को सोमनाथ भारती ने लगभग 300 अन्य लोगों के साथ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में जेसीबी से एक चारदीवारी को गिरा दिया था। अदालत ने विधायक को भारतीय दंड संहिता विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराया था जिनमें धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (सरकारी कर्मचारी को उनके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला करना या आपराधिक बल का प्रयोग करना) और 147 (दंगा करना) शामिल हैं।
अदालत ने 'आप' विधायक को सार्वजनिक संपत्ति को क्षति पहुंचाने से रोकने की धारा तीन के तहत भी दोषी पाया। इन अपराधों में अधिकतम पांच साल जेल की सजा होती है। इस मामले में अदालत ने भारती के सहयोगियों व सहअभियुक्तों जगत सैनी, दिलीप झा, संदीप सोनू और राकेश पांडे को बरी कर दिया था। यह मामला एम्स के मुख्य सुरक्षा अधिकारी आर.एस. रावत की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था। भारती ने अदालत से कहा था कि मामले में उन्हें झूठा फंसाने के लिए पुलिस अधिकारियों और अन्य गवाहों ने उनके खिलाफ गवाही दी थी।