विधायक ने फॉरेस्ट अफसर को लगाई फटकार, ग्रामीणों को परेशान करने का आरोप
राजस्थान। दौसा जिले के लालसोट विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राम बिलास मीणा ने बुधवार को जनसुनवाई के दौरान वन विभाग द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने को लेकर विभाग के एक कर्मचारी को फटकार लगाई और विदा करने की चेतावनी दी। उन्होंने केस वापस लेने की भी मांग की है। इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। संपर्क करने पर विधायक ने पीटीआई को बताया कि रेंजर राधेश्याम ने सात-आठ ग्रामीणों के खिलाफ 'सरकारी काम में बाधा डालने' के आरोप में दो मामले दर्ज किए हैं।
मीणा ने कहा, 'ग्रामीणों ने अपने खेतों और सड़क के बीच कुछ गड्ढे भर दिए थे। इस दौरान विभाग द्वारा लगाए गए कुछ पेड़ों को हटा दिया गया। ग्रामीणों ने विभाग को आश्वासन दिया था कि वे पेड़ों को फिर से लगाएंगे, लेकिन फिर भी मामले दर्ज कर लिए गए।' उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मामले दर्ज किए हुए दो दिन बीत चुके हैं। विभाग ने अवैध खनन, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने, सरकारी काम में बाधा डालने, गाली-गलौज और मारपीट के दो मामले दर्ज किए हैं।
दरअसल जनसुनवाई के दौरान टोरड़ा गांव के ग्रामीणों ने आकर वन विभाग के अधिकारियों पर राजकार्य में बाधा समेत गंभीर धाराओं में दो अलग-अलग झूठे मुकदमे दर्ज कराने के आरोप लगाए। इस पर विधायक ने रेंजर राधेश्याम रैगर से पूछा यह कौन सा तरीका है कि किसी के खिलाफ बार-बार मुकदमा दर्ज कराओ। देहलाल व टोरड़ा में इस तरह के दो मुकदमे दर्ज हो चुके हैं, ऐसे काम नहीं चलेगा। ये गरीब लोग मुकदमों में फंस जाएंगे तो इनका क्या होगा। इस पर रेंजर ने कहा कि ये करते ही ऐसे काम हैं। यह जवाब सुनकर विधायक का पारा चढ़ गया और रेंजर से कहा कि नौकरी करनी है तो जनता के खिलाफ किए गए मुकदमों को वापस कराओ, वरना मैं शुक्रवार को कार्यालय आकर साफा पहनाकर व तिलक निकालकर विदा कर दूंगा। जिस कर्मचारी को आपत्ति है, वह यहां से चला जाए या तबादला करवा ले। दोनों मुकदमे विड्रॉ करने होंगे।
वहीं इस मामले पर दौसा के उप वन संरक्षक अचित उचोई ने कहा, 'मुकदमे वीडियो सबूत के आधार पर दर्ज कराए गए है। अंधेरे में तीर नहीं चलाया है। जांच में पुलिस को झूठा प्रकरण लगेगा तो एफआर लगा दी जाएगी। पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद हमारा कोई रोल नहीं रहता है।'