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फाइल फोटो
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने गुरुवार को निर्दलीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी को अपहरण के एक मामले में पेश नहीं होने पर भगोड़ा घोषित कर दिया. जज पीके राय ने साल 2014 में एक ठेकेदार के अपहरण के मामले में कई वारंट जारी होने के बावजूद त्रिपाठी के कोर्ट में पेश नहीं होने पर उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है. मामले की अगली सुनवाई अब अगले महीने चार मार्च को होगी.
कोर्ट ने अमनमणि त्रिपाठी के अब भी पेश नहीं होने पर उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्यवाही भी शुरू कर दी है. 2014 में गोरखपुर के एक ठेकेदार ऋषि कुमार पांडे ने राजधानी लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में दर्ज मामले में त्रिपाठी पर रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया था. इस मामले में 28 जुलाई 2017 को अमनमणि त्रिपाठी के खिलाफ आरोप तय हो गए थे, लेकिन कई बार वारंट जारी होने के बावजूद वो कोर्ट में पेश नहीं हुए.
अमनमणि त्रिपाठी अभी महराजगंज जिले की नौतनवा सीट से विधायक हैं. अमनमणि त्रिपाठी ने साल 2012 में भी यूपी विधानसभा का चुनाव लड़ा था, लेकिन वो हार गए. अमनमणि त्रिपाठी के पिता और यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री अमरमणि त्रिपाठी और माता मधुमणि साल 2003 में लखनऊ में कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या को लेकर जेल में सजा काट रहे हैं.
पिछले साल लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता के नाम पर फर्जी पास बनवाकर उत्तराखंड जाने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था. अमनमणि त्रिपाठी की पहली पत्नी सारा सिंह की 2015 में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. हत्या का आरोप अमनमणि त्रिपाठी पर लगा है. पिछले साल 30 जून को अमनमणि त्रिपाठी ने दूसरी शादी की. अमनमणि की दूसरी शादी ओसिन पांडे के साथ हुई है.
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