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उत्तर प्रदेश के ब्लॉक प्रमुख चुनाव (UP Block Pramukh Election) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदर प्रदर्शन करते हुए कई सीटें अपने नाम कीं.
उत्तर प्रदेश के ब्लॉक प्रमुख चुनाव (UP Block Pramukh Election) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने शानदर प्रदर्शन करते हुए कई सीटें अपने नाम कीं. लेकिन इस चुनाव में हिंसा का एक ऐसा दौर देखने को मिला है कि विपक्ष ने कई मौकों पर राज्य की योगी सरकार पर सवाल खड़े किए. ऐसी ही हिंसा इटावा में भी देखने को मिली थी जहां पर जिले के एसपी संग बदसलूकी की गई, उन पर हमला किया गया.
बीजेपी नेता के खिलाफ FIR
अब उस मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. रविवार को बीजेपी नेता विमल भदौरिया सहित एक सैकड़े से अधिक अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. भाजपा नेता विमल भदौरिया सहित 100-125 अज्ञात साथियों के खिलाफ 78/21, 147,148,149,332, 353,307,269,270,188 7 क्रिमिनल एक्ट 51/57 आपदा प्रबंधन अधिनियम व 3 महामारी एक्ट के तहत, बलवा एक्ट, धारा 144 के उल्लंघन की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, सरकारी काम में बाधा डालने समेत कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
जानकारी के लिए बता दें कि 10 जुलाई को ब्लॉक प्रमुख मतदान के समय बढ़पुरा ब्लॉक के बाहर उदी चौराहे पर जबरदस्त उपद्रव देखने को मिला था. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा था, जिले के एसपी संग मारपीट का मामला भी सामने आया था. उस घटना के बाद बढ़पुरा थाना प्रभारी जितेंद्र कुमार शर्मा ने मामला दर्ज करवाया था और अब बीजेपी नेता के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है.
चुनाव के दौरान हिंसा का दौर
लेकिन यह अकेला मामला नहीं है, जहां पर हिंसा का दौर देखने को मिला है. यूपी ब्लॉक प्रमुख चुनाव में कई जिलों में प्रत्याशियों के बीच तू-तू-मैं-मैं होती दिखी, कहीं पर वोटरों को उठाने का आरोप लगा, कहीं पर महिला के कपड़े फाड़े गए तो कुछ जगहों पर तो पुलिस को लाठीचार्ज भी करना पड़ा. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने तो यहां तक आरोप लगा दिए थे कि ये हिंसा सीएम योगी आदित्यनाथ के इशारों पर हुई थी. उन्होंने उस हिंसा के लिए पूरी तरह सीएम को जिम्मेदार बता दिया था.
बीजेपी का शानदार प्रदर्शन
ब्लॉक चुनाव के नतीजों की बात करें तो बीजेपी ने 626 सीटों पर कब्जा जमाया था, वहीं सपा 98 सीटों पर ही सिमट गई. कुछ जिले तो ऐसे भी रहे जहां पर निर्दलीय भी सपा से आगे निकल लिए. ऐसे में एक तरफ बीजेपी कार्यकर्ताओं में इस जीत के बाद जबरदस्त जोश दिखा तो वहीं सपा खेमे में नाराजगी के साथ निराशा का माहौल देखने को मिला.
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