वकील गौरव भाटिया से कोर्ट में बदसलूकी, हड़तालरत वकीलों पर आरोप
यूपी। वरिष्ठ वकील गौरव भाटिया से बदसलूकी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को अदालत में सीसीटीवी कैमरे न रखने पर नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने एक रिपोर्ट पर संज्ञान लिया जिसमें कहा गया था कि कोर्ट परिसर में सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे हैं. सनुवाई के दौरान पीठ ने इस पर संज्ञान लिया और कहा कि सीसीटीवी कैमरे को ठीक कराने के लिए बार-बार पत्र लिखा गया उसके बावजूद उन्हें सुधारा नहीं गया.
सुप्रीम कोर्ट ने गौरव भाटिया बदसलूकी मामले में जिला अदालत प्रशासन को सीसीटीवी कैमरे सुरक्षित करने का आदेश दिया था. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि सीसीटीवी फुटैज नहीं दे सकते क्योंकि वह खराब हो गए है. अदालत ने जोर देकर कहा कि वह इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे. सीजेआई ने कहा कि हम इस मामले को हल्के में नहीं लेंगे. कोई भी वकील किसी अन्य को अदालत छोड़ने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है.
दरअसल, भाजपा प्रवक्ता और वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया 21 मार्च को ग्रेटर नोएडा की एक अदालत में एक केस की पैरवी के लिए पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ अधिवक्ता मुस्कान गुप्ता भी साथ थी. जैसे ही वे कोर्ट पहुंचे वहां मौजूद स्थानीय वकील ने उन पर हमला कर दिया. यहां वकीलों ने भाटिया का बैंड भी छीन लिया. बता दें कि एक जिला अदालत के अंदर वकील हड़ताल कर रहे थे और उसी दौरा गौरव भाटिया और मुस्कान गुप्ता वहां पहुंचे थे. इसी दौरान वकीलों ने उनके साथ बदसलूकी की थी.
गौरव भाटिया सपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव के करीबी और पूर्व महाधिवक्ता और पूर्व राज्यसभा सांसद स्वर्गीय वीरेन्द्र भाटिया के बेटे हैं और सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील भी हैं. वह यूपी में अखिलेश सरकार के दौरान अपर महाधिवक्ता भी रह चुके हैं.अप्रैल 2017 में वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. सपा छोड़ने के बाद बीजेपी ने उन्हें पार्टी प्रवक्ता बनाया था.