भारत
मंत्रालय को कुश्ती महासंघ को काफी पहले निलंबित कर देना चाहिए था: स्पोर्ट्स एक्टिविस्ट राहुल मेहरा
jantaserishta.com
29 Jan 2023 9:14 AM GMT
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नयी दिल्ली (आईएएनएस)। पहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ के बीच चल रहा मौजूदा विवाद और कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन शोषण के आरोप आजकल चर्चा का विषय बने हुए हैं।
स्पोर्ट्स एक्टिविस्ट राहुल मेहरा ने टेलीफोन पर आईएएनएस से बातचीत में इस पूरे प्रकरण और एथलीटों पर इसके प्रभाव के बारे में बातचीत की।
महरा ने कहा, "कुश्ती महासंघ दोषी है जिसने देश के पहलवानों को धरने पर बैठने के लिए मजबूर किया लेकिन महासंघ से ज्यादा यह खेल मंत्रालय है जो इस पूरे प्रकरण के लिए जिम्मेदार है।"
उन्होंने कहा, "एथलीट भी इंसान है। वे भी हमारे जैसे हैं और उसी तरह सोचते हैं जैसे हम सोचते हैं। यह अलग तथ्य है कि वे अन्य किसी से ज्यादा मजबूत हैं। उनके अपने लक्ष्य हैं जो वे हासिल करना चाहते हैं। उनका ध्यान केंद्रित है, इसलिए यह कहना कि वे प्रभावित नहीं होंगे, सच्चाई नहीं है। सवाल यही है कि हालात ऐसी जगह कैसे पहुंचे जहां वे प्रभावित हों। उन्हें धरने पर क्यों बैठना पड़े।"
मेहरा ने कहा, "किसने ऐसा होने के लिए मजबूर किया। ये महासंघ के आका हैं खासतौर पर डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष। फेडरेशन स्वाभाविक रूप से दोषी है लेकिन फेडरेशन से ज्यादा खेल मंत्रालय है जिसके पास नियमन हैं। वर्ष 2011 में पारित राष्ट्रीय खेल विकास संहिता। पिछले 12 वर्षों में उन्होंने यह देखने की जरूरत नहीं समझी कि क्या फेडरेशन उनके दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं या नहीं।"
उन्होंने कहा कि फेडरेशन 12 वर्षों से नियमों का उल्लंघन कर रही है और मंत्रालय उसे काफी पहले निलंबित न कर पाने का दोषी है।
यौन शोषण के अन्य वाक्यों का जिक्र करते हुए मेहरा ने कहा कि एक सहयोगी द्वारा शोषण और डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष द्वारा शोषण अलग-अलग मामले हैं क्योंकि कोच के पास फेडरेशन के प्रमुख जितने अधिकार नहीं होते।
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