कर्नाटक। कर्नाटक के मंत्री ने किसानों की खुदकुशी को लेकर बेहद असंवेदनशील बयान दिया है। कर्नाटक सरकार में गन्ना विकास मंत्री शिवानंद पाटिल ने मंगलवार को कहा कि जब से सरकार ने मृतक किसानों के परिवार को मिलने वाला मुआवजा बढ़ा दिया है तब से राज्य में खुदकुशी करने वाले किसानों की संख्या में इजाफा हो गया है। उनके इस बयान के बाद कई किसान संगठन नाराज हैं। किसान संगठन मंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
कर्नाटक राज्य रायथा संघ के महासचिव मल्लिकार्जुन बल्लारी ने कहा है कि इस तरह के बयान के लिए मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्हें किसानों के जीवन की कीमत भी नहीं पता है। उन्होंने मंत्री को जवाब देते हुए कहा, 'हम आपके परिवार को 50 लाख का मुआवजा देंगे तो क्या आप खुदकुशी कर लेंगे?' किसान संगठनों ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से भी अपील की है कि वह पाटिल को कैबिनेट से बाहर कर दें।
बवाल बढ़ने के बाद शिवानंद पाटिल अपने बयान से पलट गए और उन्होंने कहा कि उनका कहने का मतलब यह नहीं था कि किसान मुआवजे के लिए खुदकुशी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं किसानों कि भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था। मैं मीडिया के लोगों को सलाह दे रहा था कि जनहित में वे जिम्मेदार बनें और किसानों की खुदकुशी पर रिपोर्टिंग से पहले एफएसएल रिपोर्ट का इंतजार करें। इससे पहले भी पाटिल इस तरह का बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा था कि 2015 में कांग्रेस सरकार ने मुआवजा 2 लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दिया था और इसके बाद से किसानों की खुदकुशी बढ़ गई है।