ओडिशा। ओडिशा के स्वास्थ्य मंत्री का निधन "कार्डियोजेनिक शॉक" की वजह से हुआ है. पुलिस ने बुधवार को बताया कि नब किशोर दास की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से इसका पता चला है. पुलिस ने कहा कि सबूतों का कलेक्शन, मिलान और विश्लेषण सीआईडी-अपराध शाखा टीम द्वारा किया गया है.
ओडिशा के सीआईडी-अपराध के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरुण बोथरा व्यक्तिगत रूप से मामले की जांच कर रहे हैं. ओडिशा पुलिस ने एक बयान में कहा, "पीएम रिपोर्ट से पता चलता है कि नब दास की मौत रिवॉल्वर की गोली लगने के बाद कार्डियोजेनिक सदमे के कारण हुई थी. हालांकि उसकी प्रकृति हत्या है. पुलिस ने आरोपी बर्खास्त ASI गोपाल दास को चार दिन की रिमांड पर लिया है और सीआईडी-सीबी की टीम उससे पूछताछ कर रही है. एक अधिकारी ने बताया कि डीएसपी के नेतृत्व में एक टीम गवाहों की जांच कर रही है, जिसमें मृत मंत्री के समर्थक भी शामिल हैं, जो 29 जनवरी, 2023 को गोलीबारी के दौरान मौके पर मौजूद थे, जबकि एक अन्य डीएसपी के नेतृत्व में दूसरी टीम आरोपी के चिकित्सा उपचार पहलू और वित्तीय व्यवहार का सत्यापन कर रही है. टीम गंजम जिले में आरोपी के पैतृक गांव में पड़ोसियों और ग्रामीणों से पूछताछ कर रही है. पुलिस ने एक वैज्ञानिक अधिकारी और विशेषज्ञों की सहायता से FARO 3-D स्कैनर का उपयोग करते हुए वाहन और अपराध स्थल का निरीक्षण किया है.
ओडिशा बीजेपी के महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने बुधवार को कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से किसी पुलिसकर्मी द्वारा मंत्री की हत्या देश में पहली घटना है. उन्होंने कहा कि कई सुरक्षाकर्मियों की मौजूदगी में मंत्री की हत्या के बाद राज्य के लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं और राज्य सरकार खुद को क्लीन चिट देने का प्रयास कर रही है. बीजेपी नेता ने कहा कि सीबीआई द्वारा इस मामले की जांच होनी चाहिए. बता दें कि 60 वर्षीय मंत्री नब दास की उनके गृह जिले झारसुगुड़ा के ब्रजराजनगर के गांधी चौक पर एएसआई द्वारा कथित रूप से गोली मार दी गई थी, जब वह 29 जनवरी को एक आधिकारिक कार्यक्रम के लिए वहां गए थे. बाद में भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में गोली लगने से मंत्री की मौत हो गई थी.