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10 घंटे की पूछताछ के बाद ED दफ्तर से निकले मंत्री आलमगीर आलम

Shantanu Roy
14 May 2024 3:57 PM GMT
10 घंटे की पूछताछ के बाद ED दफ्तर से निकले मंत्री आलमगीर आलम
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बड़ी खबर
झारखंड। झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग मंत्री आलमगीर आलम से आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 10 घंटे पूछताछ करने के बाद उन्हें जाने दिया गया। ED दफ्तर से निकलते ही झारखंड के मंत्री आलमगीर आलम ने कहा, "जो भी सवाल पूछे गए, मैंने जवाब दिया।" ईडी ने उनसे उनके पीएस संजीव लाल के घरेलू सहायक से भारी नकदी बरामदगी के मामले में पूछताछ की थी।
सुबह से हुई ऐसी पूछताछ
जांच एजेंसी ने समन भेजकर उन्हें सुबह 11 बजे हिनू स्थित क्षेत्रीय कार्यालय बुलाया था। वे 15 मिनट पहले ही ED ऑफिस पहुंच गए। उनसे पूछताछ जारी है। वहीं, इससे पहले मंत्री आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल और उसके सहायक जहांगीर से ED रिमांड पर लेकर पूछताछ कर रही है। अब संजीव लाल की पत्नी रीता लाल भी ED ऑफिस पहुंची है। बताया जा रहा है कि ED के अधिकारी सभी को एक साथ बैठाकर सवाल-जवाब करेंगे। बता दें कि टेंडर कमीशन मामले में ईडी ने आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल, उसके नौकर समेत 6 ठिकानों पर 6 मई को रेड की थी। वहीं 7 मई संजीव लाल के करीबियों के यहां छापा मारा था। इस कार्रवाई में संजीव लाल के सहायक जहांगीर के यहां से करीब 35 करोड़ रुपए कैश बरामद हुआ था। जिसके बाद ईडी ने 6 मई संजीव लाल और उनके सहायक जहांगीर को गिरफ्तार कर लिया था। फिलहाल दोनों ईडी की रिमांड पर हैं। पूछताछ में उन्होंने कई अहम जानकारियां दी है। अब ईडी आलमगीर आलम से पूछताछ करके इस मामले में अहम जानकारियां जुटाने का प्रयास कर रही है।
आलमगीर आलम (70) को पीएमएलए के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग की जांच ग्रामीण विकास विभाग में कथित अनियमितता से संबंधित सवाल भी आलमगीर आलम से किए जाएंगे। झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्रालय के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम को फरवरी 2023 में गिरफ्तार किया गया था। उसकी गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हुई थी। जांच एजेंसी ने कुछ योजनाओं को लागू करने में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में वीरेंद्र राम के खिलाफ एक्शन लिया था। बाद में, ईडी ने पीएमएलए के तहत इस केस को अपने हाथ में ले लिया। इस मामले में निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम, OSD संजीव लाल समेत अब तक 8 लोगो की गिरफ्तारी हुई है।
दरअसल, निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम ने झारखंड के ग्रामीण इलाकों में सड़क निर्माण और अन्य टेंडर जारी करने के बदले 3 परसेंट से लेकर 1 परसेंट तक कमीशन लेने की बात कबूली थी। ईडी ने बाद में वीरेंद्र राम की करोड़ों रूपए की चल-अंचल संपत्ति भी अटैच की थी। आलमगीर आलम झारखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं। वह पाकुड़ विधानसभा से चार बार विधायक रह चुके हैं। फिलहाल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस की गठबंधन वाली झारखंड सरकार में संसदीय कार्य और ग्रामीण विकास मंत्री हैं। 2006 से 2009 तक झारखंड विधानसभा के स्पीकर भी रह चुके हैं। आलमगीर आलम राजनीतिक परिवार से आते हैं, उन्हें विरासत में ही राजनीति मिली है।
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