राजधानी इंदौर में सड़क किनारे एक करोड़पति बुजुर्ग भीख मांगता हुआ मिला है। यह शख्स दो साल से सड़क किनारे ही बैठ कर हर दिन भीख मांगता था। भीख में मिले पैसे से ही इसका गुजारा होता था। इस शख्स का नाम रमेश यादव है। रमेश यादव को केंद्र सरकार की दीनबंधु पुनर्वास योजना के तहत भिक्षुकों और बेसहारा लोगों के लिए शिविर लगे हैं। इस शिविर में इंदौर शहर के ऐसे 109 लोगों को लाया गया है। इन्हीं में से एक रमेश यादव हैं, जिन्हें परिवार ने ठुकरा दिया है। उसके बाद वह सड़क पर भीख मांगने लगे हैं। एनजीओ संचालिका रूपाली जैन ने बताया कि हमारे संस्था के लोगों ने रमेश यादव को इंदौर के वायरल चौरहा स्थित कालका माता मंदिर के पास से रेस्क्यू किया है। इनकी शादी नहीं हुई है और दो साल से यहीं पर रह कर भीख मांगते थे। शराब पीने की वजह से परिवार के लोगों ने इन्हें ठुकरा दिया था। उसके बाद से वह इसी हालत में रह रहे हैं।
रूपाली जैन ने बताया कि रमेश यादव से मिली जानकारी के आधार पर हमारी टीम इनके घर तक पहुंची थी। इंदौर शहर में इनके भतीजे और परिवार के लोग रहते हैं। घर जाकर हमारी टीम ने इनके कमरे को जब देखा तो उसमें चार लाख रुपये का सामान लगा हुआ था। कमरे में सुख-सुविधा की सारी चीजें उपलब्ध थीं। वहीं, इंदौर में बुजुर्ग रमेश यादव के नाम पर प्लॉट और बंगला भी है। रूपाली जैन ने बताया कि आज की तारीख में उन सपंत्तियों की कीमत एक करोड़ से अधिक है। मगर इनके पास सीधे तौर पर आय का कोई साधन नहीं है। शराब बहुत पीते हैं। इसी वजह से कालका मंदिर के पास बैठ कर भीख मांगने लगे। भीख में जो रुपये मिलते हैं, उससे यह शराब पीते हैं। सेंटर में आने के बाद भी संस्था की कर्मियों से वह शराब मांगते थे।
रूपाली जैन के अनुसार रमेश यादव के परिवार के लोग इन्हें रखने को तैयार हैं। उन लोगों की एक शर्त है कि यह शराब पीना छोड़ दें तो हमलोग साथ रखने को तैयार हैं। इनके शराब पीने की वजह से हमलोगों की बदनामी होती है। हालांकि अब रमेश यादव भी कह रहे हैं कि हम शराब पीना छोड़ देंगे और घर में जाकर अच्छे से रहेंगे। एनजीओ संचालिका का कहना है कि पहले की तुलना में रमेश यादव की स्थिति में सुधार है। दरअसल, इंदौर में बीते दिनों इंदौर नगर निगम के कर्मचारियों ने बेसहारा बुजुर्गों को शहर के बाहर फेंक दिया था। उसके बाद इंदौर की किरकिरी हुई थी। कलेक्टर ने इसके लिए माफी मांगी थी। उसके बाद से ही बेसहारा लोगों के लिए शिविर आयोजित की गई है। इस शिविर में उनकी काउंसलिंग की जा रही है। साथ ही उन्हें अच्छा खाना दिया जा रहा है।