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ONGC कर्मचारी को उग्रवादी संगठन ULFA-I ने किया रिहा, सुरक्षा बल करेंगे पूछताछ

Deepa Sahu
22 May 2021 10:04 AM GMT
ONGC कर्मचारी को उग्रवादी संगठन ULFA-I ने किया रिहा, सुरक्षा बल करेंगे पूछताछ
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उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने ओएनजीसी (ONGC) के अपहृत कर्मचारी रितुल सैकिया को नगालैंड से लगती सीमा के पास म्यांमार में शनिवार सुबह यानी आज रिहा कर दिया.

उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने ओएनजीसी (ONGC) के अपहृत कर्मचारी रितुल सैकिया को नगालैंड से लगती सीमा के पास म्यांमार में शनिवार सुबह यानी आज रिहा कर दिया. असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि उग्रवादियों ने सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया था. उन्हें आज सुबह नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव की सीमा के पास छोड़ दिया.

अधिकारी ने बताया कि सैकिया को म्यांमार की सीमा की तरफ से सुबह करीब सात बजे रिहा किया गया और वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले. उन्होंने कहा, ''सेना और नगालैंड पुलिस सैकिया को मोन पुलिस थाने लेकर गईं. असम पुलिस की एक टीम भी वहां मौजूद है और उन्हें वापस घर लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर रही है.''
इससे पहले दो कर्मचारियों को किया था रिहा
उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने 21 अप्रैल को असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिले में स्थित लाकवा तेल क्षेत्र से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का अपहरण किया था. नगालैंड के मोन जिले में भारत-म्यांमार सीमा के पास एक मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को दो कर्मचारियों-मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया को बचा लिया गया था जबकि रितुल सैकिया की तलाश चल रही थी.
दूसरी ओर, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि, अगर उल्फा-आई और परेश बरुआ आगे आना चाहते हैं और सरकार के साथ शांति वार्ता में शामिल होना चाहते हैं तो सरकार स्वागत करेगी. बताया जा रहा है कि 15 मई को, ULFA-I ने घोषणा की थी कि उन्होंने तत्काल प्रभाव से अगले तीन महीनों के लिए अपने सभी सैन्य अभियानों को स्थगित करने का निर्णय लिया है. दीमापुर स्थित भारतीय सेना के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि, भारतीय सेना की एक टीम ने सोम के रास्ते में ओएनजीसी कर्मचारी को एस्कॉर्ट किया. इसके बाद अब सुरक्षा बल संयुक्त रूप से सैकिया से पूछताछ करेंगे.
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