विश्व एड्स दिवस पर कार्यशाला का आयोजन कर दिया जागरूकता का संदेश
भीलवाड़ा। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर शुक्रवार को एच.आई.वी. संक्रमण सें बचाव संबंधी जागरूकता के लिए महात्मा गांधी राजकीय जिला चिकित्सालय में प्रदर्शनी व संगम प्रोसेस हाऊस में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला के माध्यम से एचआईवी एड्स के बचाव व सावधानियों के संबंध में आमजन को जागरूकता का संदेश दिया गया। कार्यशाला के दौरान चिकित्सा विभाग के विभिन्न अनुभाग अधिकारियों, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों सहित अन्य चिकित्सा कार्मिक मौजूद रहे। जिला एचआईवी नोडल अधिकारी डा. प्रदीप कटारिया ने कार्यशाला के दौरान बताया कि प्रवासी व्यक्तियो में एड्स संक्रमण की संभावना अधिक रहती है साथ ही दैनिक मजदूरी पर जाने वाले लोगों की नियमित जांच करवाना आवश्यक है, समय पर जांच से ही संक्रमण का पता लग पाता है साथ ही टी.बी. होने की संभावना भी अधिक रहती है इसलिए इसके बचाव के लिए नियमित जांच आवश्यक है। संक्रमण सें बचाव के लिए जीवन साथी के प्रति संयम व सुरक्षित यौन व्यवहार हो, मान्यता प्राप्त ब्लड बैक से ही रक्त लेंवे, हमेशा नई सुई व सिरिंज का उपयोग करे, संक्रमित गर्भवती महिला से होने वाले बच्चे के बचाव के लिए समय पर जांच व दवा दिलावें, जिससे सुरक्षित प्रसव व बच्चे का जन्म हो सके। डॉ. कटारिया ने एड्स रोगियों के संबंध में समाज में फैल रही भ्रांतियों के बारे में बताते हुए कहा कि हाथ मिलाने, साथ खाना खाने, पास बैठने, मच्छर काटने आदि से एच.आई.वी. का प्रसार नहीं होता है। विश्व एड्स दिवस के दौरान शाहपुरा जिले में भी एड्स रोग के बचाव व जागरूकता संबंधी कार्यशाला का आयोजन किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, शाहपुरा डा. घनश्याम चावला ने कार्यशाला में एड्स संक्रमण के फैलने व इसके बचाव संबंधी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि चिकित्सा संस्थान में जांच करवाने पर संक्रमित पाये जाने पर एआरटी सें लिंक करवाकर नियमित दवा का सेवन बेहद आवश्यक है। एचआईवी संक्रमित होने पर डरने की जरूरत नही है नियमित दवा के सहारे जीवन यापन किया जा सकता है। एच0आई0वी0 संक्रमित व्यक्ति को जीवन में समय-समय पर जांच व नियमित दवा का सेवन आवश्यक है साथ ही खान-पान व व्यायाम करना भी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। जिले में कार्यरत जिला एड्स नियंत्रण इकाई के जिला कार्यक्रम अधिकारी हरलाल मीणा ने बताया कि एचआईवी/एड्स रोकथाम में युवा वर्ग का बहुत बडा योगदान है। इसी उम्र की सावधानियों से जीवन को सुरक्षित जिया जा सकता है, साथ ही एचआईवी एड्स रोकथाम एंव नियंत्रण के लिए 1097 टोल फ्री नम्बर पर भी जानकारी ली जा सकती है। जिले में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थान ग्रामीण उत्थान एवं मानव संस्थान मथुरा लाल, लिंक वर्कर स्कीम मुस्कान इण्डियन पब्लिक एजुकेशन सोसायटी से अमित, अंतिमा शर्मा, रेखा आदि के द्वारा आईईसी प्रचार सामग्री का वितरण कर जागरूकता संबंधी बाते बताई। प्रमुख चिकित्सा अधिकारी, शाहपुरा डा. अशोक कुमार जैन ने कार्यशाला के दौरान बताया कि गर्भवती महिला के संक्रमित पाए जाने पर जच्चा एवं बच्चा सुरक्षित हो, इसके लिए एआरटी से दवा शुरू की जानी चाहिए। प्रसव पश्चात् भी नियमित दवा व जांच आवश्यक है। आईसीटीसी काउंसलर दीपक मीणा ने बताया कि समुदाय में एड्स रोगियों के प्रति किसी भी तरह का कोई भेदभाव नही करना चाहिए। साथ ही संक्रमित आने पर अपने पार्टनर की जांच भी अवश्य करवानी चाहिए।