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'मेरा बिल मेरा अधिकार' स्कीम होगी लॉन्च, 1 करोड़ जितने का मौका

Harrison
31 Aug 2023 1:09 PM GMT
मेरा बिल मेरा अधिकार स्कीम होगी लॉन्च, 1 करोड़ जितने का मौका
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नई दिल्ली | केंद्र सरकार 1 सितंबर से 'मेरा बिल मेरा अधिकार' नाम से एक गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) स्कीम लॉन्च करने जा रही है जिसके तहत ग्राहकों को करीब 200 रुपए की शाॅपिंग करने पर करीब एक करोड़ रुपये तक के कैश प्राइस जीतने का मौका मिलेगा। केंद्र सरकार 1 सितंबर से 'मेरा बिल मेरा अधिकार' नाम से एक गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) स्कीम लॉन्च करने जा रही है जिसके तहत ग्राहकों को करीब 200 रुपए की शाॅपिंग करने पर करीब एक करोड़ रुपये तक के कैश प्राइस जीतने का मौका मिलेगा। केंद्र ने गुरुवार को कहा कि वह सभी खरीद के लिए बिल मांगने वाले ग्राहकों की संस्कृति को प्रोत्साहित करने के लिए 'मेरा बिल मेरा अधिकार' पहल शुरू करेगी और इस योजना के तहत हर तिमाही में 1 करोड़ रुपये के दो बम्पर पुरस्कार दिए जाएंगे। मेरा बिल-मेरा अधिकार योजना से उपभोक्ताओं में सामान खरीदते समय विक्रेता से बिल मांगने की प्रवृत्ति विकसित होगी।
फिलहाल इन राज्यों में शुरू होगी स्कीम
एक सितंबर 2023 को इस स्कीम को फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के रूप में असम, गुजरात हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेशों में पुड्डुचेरी, दादर नगर हवेली और दमन दीव में लॉन्च किया जाएगा। GST आपूर्तिकर्ताओं की ओर से ग्राहकों को जारी सभी B2C इनवॉयस इस स्कीम के लिए मान्य होंगे।इनवॉयस की न्यूनतम वैल्यू 200 रुपये तय की गई है।
ऐसे अपलोड करे बिल
ग्राहकों को इनवॉयस को अपलोड करने के लिए 'Web.merebill.gst.gov.in' पोर्टल पर उपलब्ध 'मेरा बिल मेरा अधिकार' पर जाना होगा। जहां बिल को अपलोड करना होगा । हालांकि, चालान को अपलोड करने के लिए सरकार ने लिमिट भी तय की है. चालान अपलोड करने के दौरान ग्राहकों को सप्लायर्स का GSTIN, चालान नंबर, चालान की तारीख, चालान की वैल्यू और ग्राहक के राज्य/केंद्र शासित प्रदेश जैसी डिटेल्स मुहैया कराना होगा।
ऐसे निकलेंगे ड्रा
स्कीम के गाइडलाइंस के अनुसार, एक व्यक्ति एक महीने में केवल 25 चालान अपलोड कर सकता है। इन्हें एक एक्नॉलेजमेंट रिफरेंस नंबर (ARN) मिलेगा. इसी नंबर का इस्तेमाल प्राइज के लिए होने वाले लकी ड्रॉ के लिए किया जाएगा। लकी ड्रॉ हर महीने निकाला जाएगा। किसी भी स्पेसिफिक बैंक खाते के जरिए विजेता व्यक्ति को पुरस्कार की राशि का ट्रांसफर किया जाएगा। व्यक्ति को ऐप या वेब पोर्टल के माध्यम से अतिरिक्त जानकारी, जैसे कि उनका पैन नंबर, आधार कार्ड नंबर और बैंक अकाउंट देना होगा।
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