भारत
स्मारक घोटाला: यूपी में 57 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, 15 सितंबर को होगी सुनवाई
Deepa Sahu
6 Sep 2021 6:48 PM GMT
x
स्मारक घोटाला
बहुजन समाज पार्टी की सरकार के दौरान लखनऊ और नोएडा में कथित रूप से हुए करोड़ों रुपये के स्मारक घोटाले में सतर्कता अधिष्ठान ने सोमवार को 57 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया और कुछ अन्य आरोपियों के खिलाफ जांच अब भी जारी है. विशेष न्यायाधीश सांसद/विधायक अदालत (एमपी-एमएलए कोर्ट) पवन कुमार राय ने आरोपियों के खिलाफ अपराधों का संज्ञान लेने के मुद्दे पर सुनवाई के लिए 15 सितंबर की तारीख तय की है. इस मामले में एक जनवरी 2014 को सतर्कता विभाग के एक निरीक्षक राम नरेश सिंह राठौड़ ने गोमती नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, बाबू सिंह कुशवाहा और उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम के पांच अधिकारियों और अन्य कई के नाम थे.
आरोप के अनुसार, वर्ष 2007-2011 के दौरान लखनऊ व नोएडा में स्मारकों एवं उद्यानों के निर्माण व इससे जुड़े अन्य कार्यो में प्रयोग किए जाने वाले सैंडस्टोन की खरीद में अरबों रुपये का घोटाला हुआ है. इन स्मारकों में आम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतमबु़द्ध उपवन, ईको पार्क व नोएडा का आम्बेडकर पार्क शामिल है. इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार रुपये का बजट आवंटित किया गया था जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार रुपये की धनराशि खर्च की गई.
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए 14 अरब रुपए
लोकायुक्त की जांच में खुलासा हुआ कि खर्च की गई धनराशि का 34 प्रतिशत यानि 14 अरब 10 करोड़ 50 लाख 63 हजार 200 रुपये विभागीय मंत्रियों व अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की भेट चढ़ गए.
लोकायुक्त की रिपोर्ट में इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना की संस्तुति की गई थी. इस बीच, उच्च न्यायालय ने 27 अगस्त, 2021 को प्राथमिकी रद्द करने की बसपा के पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा की याचिका खारिज कर दी. इसने जांच अधिकारी को चार सप्ताह के भीतर जांच पूरी करने और संबंधित अदालत में एक रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया था. इस आदेश ने जांच में तेजी लाई जिससे मामले में आरोप पत्र दाखिल किया गया.
Next Story