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कांग्रेस के लिए अंदर ही अंदर मुसीबत बन रहा 'जी-23' लगता है अब दो फाड़ होने लगा है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस ग्रुप के तीन सदस्यों को एक खास जिम्मेदारी सौंपी है
कांग्रेस के लिए अंदर ही अंदर मुसीबत बन रहा 'जी-23' लगता है अब दो फाड़ होने लगा है, क्योंकि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस ग्रुप के तीन सदस्यों को एक खास जिम्मेदारी सौंपी है। कांग्रेस के इस ग्रुप से संबंध रखने वाले प्रमुख नेताओं को यह अखरने भी लगा है, क्योंकि इस ग्रुप के जिन तीन सदस्यों को यह जिम्मेदारी दी गई है वे जी-23 के अहम सदस्य हैं।
दरअसल सोनिया गांधी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में 11 सदस्य एक कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का मकसद देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर लगातार एक साल तक किए जाने वाले कार्यक्रमों की योजनाएं बनाने और उनके समन्वय का है। राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से 11 सदस्यों के नाम कमेटी के लिए मंजूर किए गए हैं। कमेटी के चेयरमैन के डॉ. मनमोहन सिंह बनाए गए हैं। वहीं जी-23 के गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा इसके सदस्य बनाए गए हैं। कमेटी का संयोजक भी जी-23 के सक्रिय सदस्य मुकुल वासनिक को बनाया गया है।
बुधवार को बनाई गई इस कमेटी में जी-23 ग्रुप के तीन सदस्यों के नाम आने से कांग्रेस पार्टी में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि कांग्रेस में ही अंदर रहकर विरोध करने वाले लोग अब दो फाड़ होने जा रहे हैं। उक्त नेता का कहना है कि कांग्रेस ने बुधवार को बनाई गई महत्वपूर्ण कमेटी में तीन सबसे कद्दावर नाम शामिल कर इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस धीरे-धीरे पार्टी के विरोध में आवाज मुखर करने वाले कुछ नेताओं को किसी न किसी तरीके से महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर उनका समायोजन करना चाह रही है। हालांकि जी-23 के कई सदस्य अब भी खुले मंच पर विरोध की भाषा में बात करते हैं। ऐसे लोगों पर कांग्रेस फिलहाल कोई रहम नहीं करने जा रही है। कांग्रेस आलाकमान धीरे-धीरे ही सही लेकिन रणनीतिक तौर पर जी-23 के कुछ सदस्यों को तोड़ देगी। सूत्र बताते हैं कि यह कमेटी इस दिशा में उठाया गया पहला कदम मानी जा रही है।
कुछ नेताओं से पार्टी करेगी किनारा
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है पंजाब और हरियाणा के कुछ नेता जो जी-23 में रहकर सक्रियता के साथ पार्टी लाइन से हटकर अपने बयान देते रहते हैं और वक्त बेवक्त मीडिया में छाए रहने की कोशिश करते हैं उनसे पार्टी धीरे-धीरे किनारा भी कर सकती है। हालांकि सूत्रों ने खुलकर के नाम तो नहीं लिया लेकिन उन्होंने इशारों में बताया कि पार्टी ऐसे नेताओं को फिलहाल अब किनारे करके कांग्रेस को आगे बढ़ाने वाली सोच रखने वाले नेताओं को कई जिम्मेदारियां देगी। सूत्रों का कहना है शुरुआती दौर में गुलाम नबी आजाद, भूपेंद्र सिंह हुड्डा और मुकुल वासनिक जैसे कद्दावर नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देकर इस बात के स्पष्ट संकेत भी दे दिए गए हैं।
कुछ को पांच राज्यों के चुनावों में दी जाएगी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी
कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पांच राज्यों के आगामी चुनाव में भी कांग्रेस आलाकमान जी-23 से जुड़े नेताओं को अपने खेमे में करके महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां भी देगा। चर्चा तो इस बात की है कि इनमें से कुछ लोगों को राज्य के चुनाव प्रभारी या अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदार पदों पर बिठाकर चुनाव की पूरी रणनीति बनाने और चुनाव जिताने की जिम्मेदारियां भी उनको सौंपी जाएंगी।
प्रशांत किशोर पर आखिरी फैसला सोनिया गांधी करेंगी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल करने पर अंतिम फैसला करेंगी। उन्होंने इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा की है। सूत्रों ने बताया कि इनमें से कुछ नेताओं ने पार्टी में उनके शामिल होने पर आपत्ति जताई है, जबकि अन्य ने इसका समर्थन किया है क्योंकि उन्हें लगता है कि वह पार्टी के लिए बहुत कुछ लाएंगे।
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