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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, राष्ट्रपति पद को लेकर कही यह बात

jantaserishta.com
7 March 2022 7:53 AM GMT
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी पर साधा निशाना, राष्ट्रपति पद को लेकर कही यह बात
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नई दिल्ली: मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Satya Pal Malik) ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) कड़ा प्रहार किया है. मलिक ने पीएम मोदी (PM Narendra Modi) पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी सरकार ने उन्हें राष्ट्रपति पद का लालच दिया और कहा कि चुप रहोगे तो राष्ट्रपति बना दिए जाओगे. मलिक ने केंद्र सरकार पर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने के बाद किसानों से किए गए वादों को पूरा नहीं करने का भी आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल के रूप में मेरा कार्यकाल अगले छह से सात महीनों में खत्म हो जाएगा. उसके बाद मैं उत्तर भारत के सभी किसानों को एकजुट करने के लिए एक आउटरीच अभियान शुरू करूंगा.

भारतीय जनता पार्टी के नेता रहे मलिक कृषि सुधारों के आलोचक रहे हैं. मलिक ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा, 'हमने 700 से ज्यादा किसानों को खो दिया. लेकिन एक कुतिया की मौत पर लैटर लिखने वाले प्रधानमंत्री ने उन किसानों की मौत पर एक शब्द तक नहीं बोला.' उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार MSP पर कानूनी गारंटी देने में विफल रही है. क्योंकि प्रधानमंत्री के मित्र, जिन्होंने तीन कृषि कानून लाए जाने से पहले पानीपत में 50 एकड़ जमीन पर गोदाम का निर्माण किया था. वो कम कीमत पर गेहूं खरीदना चाहते हैं और ऊंची कीमतों पर बेचना चाहते हैं. यह किसानों और सरकार के बीच की लड़ाई है.'
मेघालय के राज्यपाल उन किसानों के आरोपों की वकालत कर रहे थे, जिन्होंने कृषि आंदोलन के दौरान कहा था कि कानून बड़े व्यवसाय के हित में बनाए गए थे. मलिक ने यह भी दावा किया कि बीजेपी में उनके कुछ दोस्तों ने उनसे कहा कि अगर उन्होंने किसानों के विरोध के पक्ष में बात नहीं की तो उन्हें राष्ट्रपति पद के लिए पदोन्नत किया जाएगा. उन्होंने कहा, 'उन्होंने मुझे हर एंगल से लुभाने की कोशिश की. हालांकि मैंने उनके सभी प्रस्तावों को ठुकरा दिया और किसानों के पक्ष में बात की. क्योंकि राज्यपाल और अध्यक्ष के ये पद मेरे लिए कुछ भी नहीं हैं.'
उन्होंने कहा, 'मैंने पश्चिमी यूपी के कई गांवों का दौरा किया था. ग्रामीण इलाकों के लोग बीजेपी नेताओं से बहुत नाराज थे. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) को भी किसानों के आक्रोश की वजह से कई किलोमीटर तक दौड़ना पड़ा. राज्यपाल ने पिछले साल गणतंत्र दिवस की हिंसा के बाद सिख समुदाय और किसानों को आतंकवादी के रूप में लेबल करने को लेकर भी केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. मलिक ने कहा, 'किसानों द्वारा लाल किले के सामने एक खंभे पर निशान साहब (सिख पवित्र झंडा) फहराकर कुछ भी गलत नहीं किया.'

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