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ड्रोन के जरिये दवाओं की सफलता पूर्वक डिलीवरी, 25 मिनट में 25 किलोमीटर का सफर, ये करने वाला पहला राज्य बना मेघालय

jantaserishta.com
26 Nov 2021 6:15 PM GMT
ड्रोन के जरिये दवाओं की सफलता पूर्वक डिलीवरी, 25 मिनट में 25 किलोमीटर का सफर, ये करने वाला पहला राज्य बना मेघालय
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मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने कहा कि मेघालय के पश्चिमी खासी हिल्स जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर स्थित एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ड्रोन के जरिये दवाओं की सफलता पूर्वक आपूर्ति शुक्रवार को करायी गयी. मेघालय ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है.

कॉनराड ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा, 'आज हमने मेघालय में नोंगस्टोइन से मावेत स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक ई-वीटीओएल ड्रोन के माध्यम से दवाओं की आपूर्ति की. अपनी तरह के इस पहले कार्यक्रम में ड्रोन ने 25 मिनट से भी कम समय में 25 किलोमीटर की दूरी तय की. यह भारत में अपनी तरह का पहला कार्यक्रम है.' उन्होंने कहा, 'ड्रोन तकनीक स्वास्थ्य सेवा के भविष्य को बदल सकती है' यह एक अनूठी परियोजना है जो दुर्गम क्षेत्र में दवाओं की अपूर्ति को सुगम बनायेगी.'

पूर्वोत्तर में ड्रोन से कोविड-19 रोधी टीके की आपूर्ति शुरू
अभी पिछले महीने ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने ड्रोन के जरिये पूर्वोत्तर के दुर्गम इलाकों में कोविड-19 टीके की आपूर्ति की सुविधा के लिए एक पहल शुरू की. अधिकारियों ने कहा कि आईसीएमआर का ड्रोन रिस्पांस एंड आउटरीच इन नॉर्थईस्ट (आई-ड्रोन), यह सुनिश्चित करने के लिए एक आपूर्ति मॉडल है कि जीवन रक्षक कोविड टीके सभी तक पहुंचें. यह स्वास्थ्य में 'अंत्योदय' के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप है जिसका मकसद देश के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाना है.
मांडविया ने कहा, 'यह पहली बार है कि दक्षिण एशिया में 'मेक इन इंडिया' ड्रोन का उपयोग कोविड-19 टीके को 15 किलोमीटर की हवाई दूरी पर स्थित जगह पर 12-15 मिनट में पहुंचाने के लिए किया गया. इन टीकों को पीएचसी में लाभार्थियों को लगाये जाने के वास्ते मणिपुर में बिष्णुपुर जिला अस्पताल से लोकटाक झील, कारंग द्वीप पहुंचाया गया.'
मांडविया ने कहा, 'इन स्थानों के बीच सड़क मार्ग से वास्तविक दूरी 26 किलोमीटर है. आज, पीएचसी में 10 लाभार्थियों को पहली खुराक और आठ को दूसरी खुराक मिलेगी.' केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा, 'उनके नेतृत्व में देश बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. आज एक ऐतिहासिक दिन है, जिसने हमें दिखाया कि कैसे तकनीक जीवन को आसान बना रही है और सामाजिक परिवर्तन ला रही है.'
उन्होंने कहा कि भारत भौगोलिक विविधताओं का देश है और ड्रोन का इस्तेमाल अंतिम छोर तक जरूरी सामान पहुंचाने के लिए किया जा सकता है. मांडविया ने कहा, ''हम महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं को वितरित करने, रक्त के नमूने एकत्र करने में ड्रोन का उपयोग कर सकते हैं. इस तकनीक का उपयोग गंभीर परिस्थितियों में भी किया जा सकता है. यह तकनीक स्वास्थ्य देखभाल, विशेष रूप से कठिन क्षेत्रों में स्वास्थ्य आपूर्ति में चुनौतियों का समाधान करने में महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.''
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