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कांग्रेस के G-21 नेताओं की गुलाम नबी आजाद के घर मीटिंग शुरू

jantaserishta.com
17 March 2022 3:01 PM GMT
कांग्रेस के G-21 नेताओं की गुलाम नबी आजाद के घर मीटिंग शुरू
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नई दिल्ली: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस (Congress) में मंथन का दौर चल रहा है. हार के बाद से G-23 कहा जाने वाला पार्टी का असंतुष्ट खेमा सक्रिय हो गया है. 24 घंटों में दूसरी बार कांग्रेस के जी-23 नेताओं की बैठक गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के घर पर हो रही है.

इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और भूपेंद्र हुड्डा, गुलाम नबी आजाद के घर पर पहुंच चुके हैं.
जी-23 की बैठक पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा, सोनिया गांधी हर कांग्रेसी से बातचीत के लिए तैयार हैं. जब जरूरत है कि हमें एक साथ लड़ना चाहिए, तो कुछ राजनेता (G23 नेता) पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं. अगर उनकी मंशा सही है तो सोनिया गांधी से बात क्यों नहीं करते हैं.
राजनीतिक दलों को देखने होता है उतार-चढ़ाव
अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि जब इन राजनेताओं को (यूपीए) सरकार में मंत्री बनाया गया था, तो क्या उन्होंने पूछा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को देखते हुए पद दिए जाने चाहिए? तब सब कुछ हंकी-डोरी था क्योंकि हम सत्ता में थे. राजनीतिक दल उतार-चढ़ाव देखते हैं, इसका मतलब विद्रोह करना नहीं है.
पहले भी हुई थी कांग्रेस की बैठक
इससे पहले बुधवार को भी जी-23 के कुछ नेताओं की गुलाम नबी आजाद के घर पर बैठक हुई थी. इस बैठक में नेताओं ने सामूहिक और समावेशी लीडरशिप की मांग की थी. इस बैठक में शशि थरूर, मणिशंकर अय्यर, परनीत कौर, हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा, गुजरात के नेता शंकर सिंह वघेला और पंजाब की नेता रजिंदर कौर भट्टल शामिल हुईं थी.
इस बैठक में इन नेताओं ने कहा था कि कांग्रेस को कोशिश करनी चाहिए कि वह विपक्षी दलों के बीच अलग-थलग न पड़े. खास बात यह कि गांधी परिवार पर ही सीधा हमला करने वाले कपिल सिब्बल के अलावा आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण ने भी गुलाम नबी आजाद रे घर पर बुधवार हुई बैठक में हिस्सा लिया था. ये सभी नेता जी-23 ग्रुप का हिस्सा रहे हैं, जिन्होंने दो साल पहले सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बदलावों की मांग की थी.
हार के बाद सोनिया ने इन नेताओं को सौंपी अहम जिम्मेदारी
जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चुनाव के बाद की स्थिति का आकलन करने और पांच राज्यों में संगठनात्मक बदलाव का सुझाव देने के लिए नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी है. जयराम रमेश को मणिपुर, अजय माकन को पंजाब में स्थिति का आंकलन करने का काम सौंपा गया है.
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