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स्कूल में मुलाकात, फिर पीएम मोदी ने 21 साल बाद की सेना के मेजर से मुलाकात, यादगार लम्हों की तस्वीर सामने आई

jantaserishta.com
24 Oct 2022 8:33 AM GMT
स्कूल में मुलाकात, फिर पीएम मोदी ने 21 साल बाद की सेना के मेजर से मुलाकात, यादगार लम्हों की तस्वीर सामने आई
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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह इस बार भी अपनी दिवाली कारगिल में जवानों के साथ मना रहे हैं। पीएम मोदी आज सुबह ही कारगिल पहुंचे। कारगिल पहुचने के बाद पीएम मोदी ने सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ दिवाली मनाई और जवानों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान पीएम मोदी ने सेना के अधिकारी से 21 साल बाद मिले। यह एक संयोग ही था कि 21 साल पहले जब दोनों लोगों के बीच में मुलाकात हुई थी तब पीएम मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और सेना के अधिकारी सैनिक स्कूल में पढ़ाई करते थे।
21 साल बाद जब दोनों लोगों की मुलाकात हुई तो भावुक पल सामने आया। सेना के अधिकारी ने पीएम मोदी को वो तस्वीर भी दिखाई जब 21 साल पहले बतौर गुजरात सीएम उन्होंने सैनिक स्कूल पहुंचर छात्रों को सम्मानित किया था। सेना के अधिकारी ने उस पुरानी तस्वीर को लेकर पीएम मोदी के साथ फोटो खिचाई है। 21 साल बाद नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री और स्कूल में पढ़ने वाला छात्रा सेना का अधिकारी बन चुका है।
अधिकारियों ने बताया कि मेजर अमित ने गुजरात के बालाचड़ी में सैनिक स्कूल में मोदी से मुलाकात की थी। मोदी राज्य का मुख्यमंत्री बनने के तत्काल बाद अक्टूबर में उस स्कूल गए थे। एक अधिकारी ने कहा, 'आज कारगिल में दोनों फिर जब एक-दूसरे से मिले तो यह बहुत भावुक मुलाकात थी।' तस्वीर में अमित और एक अन्य छात्र पीएम मोदी से शील्ड लेते हुए दिख रहे हैं। साल 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से हर साल सशस्त्र बलों के कर्मियों के साथ दिवाली मनाने के अपने रिवाज का पालन करते हुए, मोदी ने कारगिल में आज सैनिकों के साथ यह त्योहार मनाया।
कारगिल में जवानों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, हम युद्ध को पहला नहीं बल्कि हमेशा अंतिम विकल्प मानते हैं और शांति में विश्वास करते हैं। हम शांति में विश्वास करते हैं, लेकिन शांति सामर्थ्य के बिना संभव नहीं है।' प्रधानमंत्री ने कहा कि जब-जब भारत की ताकत बढ़ती है, तब-तब वैश्विक शांति और समृद्धि की संभावना भी बढ़ती है। राष्ट्र की सुरक्षा के लिए आत्मनिर्भर भारत बहुत महत्वपूर्ण है और विदेशी हथियारों तथा प्रणाली पर हमारी निर्भरता न्यूनतम होनी चाहिए।
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