नयी दिल्ली। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने 22वींं राष्ट्रीय दृष्टिबाधित एथलेटिक्स चैंपियनशिप का उद्घाटन करते हुए बुधवार को कहा कि लोगों की अक्षमताओं के बजाय उनकी क्षमताओं पर ध्यान दिया जाना चाहिये।
श्रीमती लेखी ने यहां त्यागराज स्टेडियम पर उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, "मैं पिछले 25 साल से ब्लाइंड रिलीफ एसोसिएशन से जुड़ी हुई हूं तो यहां आना मेरे लिये घर वापसी जैसा है। मैं जब कॉलेज में थी तब मैंने महसूस किया कि जिन लोगों को हम एक तरह से अक्षम समझते हैं, उनमें अन्य तरीकों से उत्कृष्टता हासिल करने की क्षमता होती है। इसलिये हमारा ध्यान क्षमता पर होना चाहिये न कि अक्षमताओं पर।"
भारतीय दृष्टिबाधित खेल संघ (इबसा) द्वारा आयोजित तीन दिवसीय चैंपियनशिप में 19 राज्यों से 550 प्रतियोगी हिस्सा ले रहे हैं। प्रतियोगिता में कुल 59 (पुरुषों के लिये 31, महिलाओं के लिये 28) अंतरराष्ट्रीय और स्वदेशी कार्यक्रम टी11, टी12 और टी13 श्रेणियों के तहत आयोजित किये जायेंगे।
श्रीमती लेखी ने खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए कहा, "आप अपने जीवन में कई लोगों से मिलते हैं जो आपको प्रभावित करते हैं और आपके चरित्र को आकार देते हैं। जीवन में हर अनुभव चरित्र निर्माण का हिस्सा है। आप में से कुछ पदक जीत सकते हैं, लेकिन मेरे लिये हर खिलाड़ी उस भावना के कारण विजेता है जिसके साथ आप भाग ले रहे हैं। मुझे यकीन है कि यहां उपस्थित कई लोग भविष्य में भारत के लिये गौरव हासिल करेंगे।"
श्रीमती लेखी ने चैंपियनशिप की प्रायोजक कंपनी उषा इंटरनेशनल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके बिना प्रतियोगिता का आयोजन संभव नहीं था।
उषा इंटरनेशनल की खेल पहल और संघ प्रमुख कोमल मेहरा ने कहा, "उषा में हम उषा राष्ट्रीय दृष्टिबाधित एथलेटिक्स चैंपियनशिप के एक और सीजन को देखने और उससे सीखने के लिये प्रेरित हैं। यह देखना प्रेरणादायक है कि कैसे खेल जीवन को बदलने और मतभेदों को पीछे छोड़कर लोगों को एक साथ लाने में मदद कर सकते हैं। इस महा-आयोजन का भागीदार होने के नाते हम विकलांगों के लिये भारत के एथलेटिक तंत्र को बढ़ाने और उस तक पहुंच आसान बनाने का इरादा रखते हैं।"