बिहार। जमुई जिले के गिद्धौर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी और जिला के प्रभारी प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉक्टर रामस्वरूप चौधरी ने मंगलवार की सुबह फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. मृत डॉक्टर का शव उनके सरकारी आवास के अपने कमरे में फंदे के सहारे लटका मिला. घटना की जानकारी मिलने के बाद परिजन और स्वास्थ्य कर्मी डॉक्टर को सदर अस्पताल लाए जहां चिकित्सकों ने जांच करने के बाद मृत घोषित कर दिया. जिले के प्रभारी प्रतिरक्षण पदाधिकारी जो एक प्रखंड के चिकित्सा पदाधिकारी भी थे उनके खुदकुशी की जानकारी मिलने के बाद जिले के स्वास्थ्य विभाग के लोगों में शोक का माहौल है, वहीं मृत डॉक्टर के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
बताया जा रहा है कि खुदकुशी करने से पहले डॉक्टर ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है, जिसमे काम का बोझ की बात बताई गई है, हालांकि सुसाइड नोट सार्वजनिक नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि ऑफिस जाने के लिए लोग डॉक्टर के कमरे से बाहर आने का इंतजार कर रहे थे लेकिन बहुत देर हो जाने के बाद चालक और परिवार वालों ने दरवाजा खटखटाया फिर भी नहीं खुला तब दरवाजा तोड़कर जब लोग अंदर गए तो देखा कि डॉक्टर का शव फंदे के सहारे लटका हुआ था. घटना के बाद सदर अस्पताल पहुंचे परिजन खुदकुशी के कारण के बारे में कुछ भी जानकारी होने से इनकार किया है.
मृत डॉक्टर राम स्वरूप चौधरी को हाल ही में जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी का भी प्रभार स्वास्थ्य विभाग ने दिया था. डॉक्टर के चालक ओम प्रकाश रावत ने बताया कि हर दिन की तरह वह सुबह चिकित्सा पदाधिकारी के आवास पर जाकर गाड़ी निकाल कर इंतजार कर रहा था लेकिन कमरे से साहब की जगह उनकी लाश निकली. घटना की जानकारी मिलने के बाद सदर अस्पताल पहुंचे जिले के सिविल सर्जन डॉ विनय कुमार शर्मा ने बताया कि सोमवार की शाम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बैठक में उनसे बात हुई थी. विभाग की तरफ से किसी भी तरह की समस्या उनको नहीं थी. सिविल सर्जन ने इस खुदकुशी के पीछे विभागीय कारण होने से इनकार किया है.