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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में ऐतिहासिक हार का ठीकरा बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर फोड़ दिया है. शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा, 'यह नरेटिव बनाया गया कि सपा ही बीजेपी को रोक सकती है, इससे पूरा मुसलमानों का वोट समाजवादी पार्टी में शिफ्ट हो गया.'
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा, 'बीएसपी ने सपा पर भरोसा किया, यह हमारी सबसे बड़ी भूल थी. संतोष की बात यह है कि मूवमेंट का वोट और खासकर मेरी बिरादरी का वोट चट्टान के साथ मेरे साथ खड़ा रहा उनके जितना भी आभार में व्यक्त करूं उतना कम है, मुस्लिम समाज का वोट अगर दलित के साथ मिलता तो परिणाम चमत्कारी होते.'
हार के बाद मायावती ने कहा, 'मनुवादी मीडिया के नैरेटिव यह बनाए जाने से की बीजेपी को सिर्फ सपा रोक सकती है मुसलमान वहां पूरी तरीके से शिफ्ट हो गया, मैं फिर कहती हूं कि पूरा का पूरा मुसलमान वोट सपा को चला गया है, जिसे देखते हुए दूसरे दलित और हिंदुओं के वोट सपा की गुंडागर्दी-आतंकवाद को याद करते हुए बीजेपी में चले गए.'
बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा, 'सपा में मुस्लिम वोटों का एकतरफा शिफ्ट होना ही हमारे हार की सबसे बड़ी वजह है, हमें 1977 के चुनाव में कांग्रेस के हार की तरह लोगों ने खड़ा कर दिया है लेकिन जिस तरीके से कांग्रेस खड़ी हुई उसी तरीके से बीएसपी भी दोबारा खड़ी होगी.'
2007 में सरकार बनाने वाली बसपा सिर्फ एक सीट पर सिमटी
दरअसल, 38 साल पहले 1984 में बनी बसपा 2022 के चुनाव में आते-आते एक सीट पर पहुंच चुकी है. जिस बसपा ने 2007 में उत्तर प्रदेश में भारी बहुमत के साथ सरकार बनाई थी, वही बसपा 10 साल में सिमटकर एक विधायक पर आ गई है. 2022 के चुनाव में सिर्फ एक विधायक (रसड़ा से उमाशंकर सिंह) ने ही जीत हासिल की है.
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