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टेरर फंडिंग मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई की ओर से छापेमारी और कार्रवाई को मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना साजिद रशीदी ने एक साजिश करार दिया है। रशीदी ने कहा कि यह मुसलमानों को खत्म करने की साजिश है और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही है। गुरुवार को एएनआई ने पीएफआई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 15 राज्यों में छापेमारी की और संगठन के 106 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है।
एएनआई से बात करते हुए मुस्लिम धर्मगुरु रशीदी ने कहा, 'जिस तरह कांग्रेस ने सिमी पर प्रतिबंध लगाया था, उसी तरह पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की जा रही है। देश के खिलाफ काम करने वाले संगठन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन आप पीएफआई के खिलाफ इसलिए कार्रवाई करते हैं कि यह मुसलमानों के उत्थान के लिए काम कर रहा है। आप इसे आतंकवादी संगठन घोषित करने की कोशिश कर रहे हैं। यह कानून और संविधान के खिलाफ है। ये वही लोग हैं जो मदरसे में पढ़ने वालों को आतंकवादी कहते हैं। यह मुसलमानों को खत्म करने की साजिश है।' उन्होंने दावा किया कि केरल में पीएफआई ने मुसलमानों के लिए सराहनीय काम किया है।
अहमद इलियासी पर भी साधा निशाना
इसके साथ-साथ रशीदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत को 'राष्ट्रपिता' कहने के लिए अखिल भारतीय इमाम संगठन के उमर अहमद इलियासी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने कहा, अभी भी गोडसे की मानसिकता वाले लोग हैं। पूरी दुनिया इस बारे में जानती है कि केवल एक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हैं। रशीदी ने कहा कि मैं मोहन भागवत से कहना चाहता हूं कि एक तरफ आप कहते हैं कि हमें वक्फ की संपत्ति को बचाना है और दूसरी तरफ आप एक अवैध संपत्ति पर जाते हैं और उनके साथ बैठते हैं।
मदरसे के दौरे के बाद इलियासी ने बताया था राष्ट्रपिता
इलियासी ने गुरुवार को दिल्ली में एक मस्जिद और मदरसे का दौरा करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत को राष्ट्रपिता कहा था। इलियासी ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'मोहन भागवत जी आज मेरे निमंत्रण पर आए थे। वह राष्ट्रपिता और राष्ट्र ऋषि हैं। उनके आने से एक अच्छा संदेश जाएगा। भगवान की पूजा करने के हमारे तरीके अलग हैं, लेकिन सबसे बड़ा धर्म मानवता है। हमारा मानना है कि देश सबसे पहले आता है।'
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