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नई दिल्ली: संघ प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने मंदिर-मस्जिद को लेकर जो बयान दिया उसपर लगातार चर्चा हो रही है. बीजेपी नेताओं के साथ-साथ देवबंद के उलेमा भी भागवत से सपोर्ट में आकर खड़े हो गए हैं. बता दें कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में संघ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अब RSS मंदिरों को लेकर कोई आंदोलन नहीं करने वाला है. साथ ही वह बोले थे कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशा जाना ठीक नहीं है.
इसपर ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष के वकील रहे हरिशंकर जैन का भी बयान आया है. उन्होंने भागवत के बयान का समर्थन या विरोध नहीं किया. वह सिर्फ इतना बोले कि मंदिरों की पुनर्स्थापना का उनका अभियान जारी रहेगा.
इसपर देवबंद के उलेमा मुफ्ती असद कासमी का बयान भी आया है. उन्होंने कहा कि वह भागवत के बयान से पूरी तरह सहमत हैं. मुफ्ती असद कासमी बोले कि मैं भी यह चाहता हूं और देश के सभी देशवासी और तमाम सेकुलर सोच वाले लोग यही चाहते हैं कि देश के अंदर कैसे अमन शांति रहे, भाईचारा रहे और हमारा देश तरक्की करे.
मुफ्ती असद कासमी ने आगे कहा कि अगर हम सिर्फ मंदिर-मस्जिद की राजनीति के अंदर उलझ कर रह गए तो यह हमारा भाई चारा खत्म हो जाएगा, देश बर्बाद हो जाएगा.
मोहन भागवत के बयान पर राकेश सिन्हा ने कहा कि भागवत ने पहले ही साफ कर दिया है कि अयोध्या के बाद किसी भी आंदोलन की अगुवाई या आंदोलन की शुरुआत नही करेंगे. वह बोले कि संघर्ष से रास्ता नहीं निकलता बल्कि तर्क और समन्वय संवाद से हल होता है. राकेश सिन्हा ने कहा कि आक्रमणकारियों और यहां के मुसलमानों को आपस में फर्क करना होगा.
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