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PM मोदी से मेटे फ्रेडरिक्सन ने की मुलाकात, कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करेंगे भारत और डेनमार्क

Kunti Dhruw
9 Oct 2021 4:24 PM GMT
PM मोदी से मेटे फ्रेडरिक्सन ने की मुलाकात, कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग करेंगे भारत और डेनमार्क
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और डेनमार्क की उनकी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के बीच शनिवार को कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के विस्तार पर बातचीत हुई।

नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और डेनमार्क की उनकी समकक्ष मेटे फ्रेडरिक्सन के बीच शनिवार को कृषि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग के विस्तार पर बातचीत हुई। उन्होंने इंडो-पैसिफिक और अफगानिस्तान में वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की। उन्होंने अफगानिस्तान के लोगों के समर्थन में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। यह जानकारी विदेश मंत्रालय की सचिव(पश्चिम) रीनत संधू ने दी। फ्रेडरिक्सन ने पीएम मोदी को दूसरे भारत-नार्डिक शिखर सम्मेलन 2022 के लिए कोपेनहेगन की यात्रा के निमंत्रण दिया है। पीएम मोदी ने इसके लिए उनको धन्यवाद कहते हुए कहा कि वे बहुत जल्द दौरे करेंगे।

रीनत संधू ने आगे बताया कि पीएम मोदी से बातचीत के दौरान फ्रेडरिक्सन ने कहा कि हमारी द्विपक्षीय साझेदारी उदाहरण है कि इतिहास, आकार और भूगोल में बहुत अलग होते हुए हम साथ आकर वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे भारत द्वारा पानी की हाउसहोल्ड सप्लाई, नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन का सामना करने के लिए जो लक्ष्य रखे गए हैं उनसे वे बहुत प्रभावित हैं। उन्होंने भारत की वैक्सीनेशन ड्राइव की भी प्रशंसा की। डेनमार्क में लगभग 60 भारतीय कंपनियां मुख्य तौर पर आइसीटी क्षेत्र में काम कर रही हैं। डेनमार्क की प्रधानमंत्री ने कहा कि हम और भारतीय कंपनियों का स्वागत करते हैं, वे डेनमार्क में आकर अवसर का लाभ उठाएं।
स्वास्थ्य व कृषि क्षेत्र में संबंधों को विस्तार देंगे भारत और डेनमार्क
बता दें कि पीएम मोदी और फ्रेडरिक्सन के बीच स्वास्थ्य, कृषि, जल प्रबंधन, जलवायु परिवर्तन और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को लेकर 'उपयोगी' बातचीत हुई। वार्ता के बाद जारी एक बयान में मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने भारत-डेनमार्क हरित रणनीतिक साझेदारी के तहत हुई प्रगति की समीक्षा की और बहुत सारे क्षेत्रों में सहयोग को आगे और विस्तार देने को लेकर चर्चा की। दोनों पक्षों ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन और कौशल विकास के क्षेत्रों में चार समझौते भी किए।
हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अब से एक साल पहले, भारत और डेनमार्क के बीच हरित रणनीतिक साझेदारी स्थापित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया था। यह दोनों देशों की दूरगामी सोच और पर्यावरण के प्रति सम्मान का प्रतीक है। भारत और डेनमार्क के प्रधानमंत्रियों के बीच हुए एक डिजिटल सम्मेलन में हरित साझेदारी को लेकर समझौता हुआ था। इसका उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण, अर्थव्यवस्था और विज्ञान व प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को विस्तार देने के लिए एक ढांचा तैयार करना है।
सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहने की प्रतिबद्धता
वार्ता को 'उपयोगी' करार देते हुए मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने सहयोग के दायरे का सतत रूप से विस्तार करते रहने और उसमें नए आयाम जोड़ते रहने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमने एक नई साझेदारी की शुरुआत की है। भारत में कृषि उत्पादकता और किसानों की आय बढ़ाने के लिए, कृषि संबंधित प्रौद्योगिकी में भी हमने सहयोग करने का निर्णय लिया है।
स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में सहयोग और मजबूत करने का निर्णय
फ्रेडरिक्सन ने अपने संबोधन में कहा कि भारत और डेनमार्क के बीच सहयोग, हरित विकास और हरित बदलाव कैसे साथ-साथ हो सकते हैं, उसका शानदार उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।
तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं फ्रेडरिक्सन
फ्रेडरिक्सन शनिवार सुबह भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर नई दिल्ली पहुंचीं। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने उनकी आगवानी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हैदराबाद हाऊस में वार्ता स्थल पर दोनों पीएम की तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया कि भारत और डेनमार्क के बीच हरित सामरिक गठजोड़ को आगे बढ़ाते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डेनमार्क की प्रधानमंत्री मेटे फ्रेडरिक्सन का द्विपक्षीय संवाद के लिए स्वागत किया।
दोनों देशों के बीच मजबूत हैं संबंध
भारत और डेनमार्क के मजबूत कारोबारी एवं निवेश संबंध हैं। भारत में डेनमार्क की 200 से अधिक कंपनियां मौजूद हैं। जबकि डेनमार्क में 60 से अधिक भारतीय कंपनियां हैं। दोनों देशों के बीच नवीकरणीय ऊर्जा, स्वच्छ प्रौद्योगिकी, जल एवं कचरा प्रबंधन, कृषि एवं पशुपालन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, डिजिटलीकरण, स्मार्ट सिटी, पोत क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है।
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