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मस्ती की पाठशाला ने भाषा को बनाया आसान...कहानी, डांस और गानों के जरिए संस्कृत का ज्ञान

jantaserishta.com
9 Jun 2023 11:40 AM GMT
मस्ती की पाठशाला ने भाषा को बनाया आसान...कहानी, डांस और गानों के जरिए संस्कृत का ज्ञान
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नई दिल्ली (आईएएनएस)| स्कूली छात्रों की गर्मी की छुट्टियां मजेदार बनाने के लिए दिल्ली सरकार शहर भर में 150 स्थानों पर समर कैम्प 'मस्ती की पाठशाला' (वर्क शॉप्स) लगा रही है। दिल्ली सरकार के मुताबिक यहां कहानी, डांस और गानों के जरिए छात्रों संस्कृत का ज्ञान दिया जा रह है। इन वर्क शॉप्स में सरकार की विभिन्न अकादमियां भी हिस्सा ले रही हैं। गढ़वाली-कुमाऊनी-जौनसारी अकादमी द्वारा बच्चों को उत्तराखंड की मशहूर रामायण पर आधारित रामलीला का मंचन भी सिखाया जा रहा है।
यहां छात्र डांस, म्यूजिक, पेंटिंग, थिएटर, योग, भाषा व मनोरंजक गतिविधियों के साथ अपनी गर्मी की छुट्टियों का बेहतर उपयोग कर सकते है। सरकार के मुताबिक यहां भोजपुरी, मैथिली अकादमी के द्वारा बच्चों ने शानदार मधुबनी पेंटिंग बनानी सिखाया जा रहा है। साथ ही पंजाबी अकादमी, सिंधी अकादमी, संस्कृत अकादमी, उर्दू अकादमी सहित अन्य अकादमी बच्चों को उनकी संस्कृति से रूबरू करा रही हैं। संस्कृत अकादमी द्वारा बच्चों में संस्कृत भाषा सिखाने के लिए यहां कहानी, डांस, गानों और कविताओं के जरिए संस्कृत भाषा सिखाई जा रही है।
दिल्ली की कला,संस्कृति और भाषा मंत्री आतिशी ने राजकीय प्रतिभा विकास विद्यालय, द्वारका सेक्टर-19 में चल रहे ऐसे ही समर कैंप में शामिल होकर बच्चों से बातचीत की। आतिशी ने कहा कि,पहले माध्यम वर्गीय पैरेंट्स सोचते थे कि गर्मियों की छुट्टियों में बच्चों को पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, थिएटर या कोई नई भाषा सिखाने का मतलब बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना है। इस कारण बहुत से पैरेंट्स अपने बच्चों को कुछ नया नहीं करवा पाते थे। लेकिन केजरीवाल सरकार अपने शानदार समर वर्कशॉप्स के माध्यम से पैरेंट्स की पैसों की चिंता को दूर कर दी है। और हजारों बच्चों को फ्री में शानदार समर वर्कशॉप करवा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अपने फ्री वर्कशॉप्स के माध्यम से दिल्ली के बच्चों को मौका दिया है कि वो यहां आए, नई भाषाएं सीखे, डांस, म्यूजिक, ड्रामा, थिएटर आदि के नए हुनर सीखे और उन्हें निखारे। साथ ही इन वर्कशॉप में योग के माध्यम से बच्चों को एक स्वस्थ जीवनशैली भी सिखाई जा रही है।
मंत्री आतिशी ने कहा कि इन वर्कशॉप्स का एक बड़ा उद्देश्य संस्कृतियों का संरक्षण भी है। जहां सरकार अपनी विभिन्न अकादमियों द्वारा ये सुनिश्चित कर रही है कि बच्चे भारत की समृद्ध कला और संस्कृति से रूबरू हो सके। बता दें कि 'मस्ती की पाठशाला' में बच्चों को मैथमेटिक्स, विज्ञान, संस्कृत जैसे कठिन विषयों के टॉपिक्स को बेहद रोचक ढंग से छात्रों को समझाया जा रहा है।
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