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कचहरी रोड पर स्थित मां भगवती मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में बुधवार की शाम शार्ट सर्किट से आग लग गई
कचहरी रोड पर स्थित मां भगवती मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में बुधवार की शाम शार्ट सर्किट से आग लग गई। घटना से अस्पताल में अफरातफरी मच गई। बदहवास परिजनों और अस्पताल कर्मचारियों ने वार्ड में भर्ती चार बच्चों को सामने आनंद हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया।
आग से कोई हताहत या घायल तो नहीं हुआ लेकिन लाखों का सामान और उपकरण जलकर खाक हो गए। फायर ब्रिगेड ने कुछ देर में आग पर काबू पा लिया लेकिन घटना से परिजन बेहद डर गए थे। धुआं भर जाने के कारण कई जगह शीशे तोड़ दिए गए थे। ऊपरी मंजिल पर फंसे डॉक्टर के परिवार के पांच सदस्यों को भी फायर ब्रिगेड ने बाहर निकाला।
कचहरी पर रोड पर आनंद हॉस्पिटल के सामने डॉ. हर्षित द्विवेदी का मां भगवती मदर एंड चाइल्ड केयर के नाम से अस्पताल है। बुधवार को वहां चार बच्चे एडमिट थे। उनके साथ ही उनके मां बाप तथा अन्य रिश्तेदार भी मौजूद थे। शाम को अस्पताल की ओटी (ऑपरेशन थियेटर) के एक हिस्से में रखे फ्रिज में शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग ने भीषण रुख अख्तियार किया तो पूरे अस्पताल में धुआं भरने लगा।
यह देखकर वहां अफरातफरी मच गई। मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने परिवार वालों की मदद से तुरंत बच्चों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। परिजन डर के मारे बच्चों को सीने से लगाए वहां से बाहर भागे। सभी बच्चों को सामने आनंद हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया। इस दौरान जिसे जहां से मौका मिला, वह बाहर भाग निकला था।
तब तक फायर ब्रिगेड की गाड़ियां भी पहुंच गईं। पता चला कि तीसरी मंजिल पर डॉक्टर हर्षित द्विवेदी का परिवार फंसा हुआ है। धुआं बढ़ता जा रहा था। बाहर लगे कांच को कई जगह तोड़ दिया गया और रेस्क्यू टीम बनाकर डाक्टर के परिवार के लोगों को बाहर निकाला गया। फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने कुछ देर में आग पर काबू पा लिया। आग से कोई भी हताहत या घायल नहीं हुआ।
हालांकि अस्पताल और ओटी में आग और धुएं से लाखों के उपकरण, फ्रिज तथा अन्य सामान का नुकसान हो गया था। अस्पताल में धुआं भरने से कई जगह शीशे भी तोड़ दिए गए थे। आग से वहां कई घंटे तक अफरातफरी मची रही। सूचना पाकर बड़ी संख्या में मरीजों के रिश्तेदार भी पहुंच गए थे।
अस्पताल के संचालक डॉ. हर्षित द्विवेदी ने बताया कि अस्पताल की ओटी में रखी फ्रिज में आग लगी थी। कर्मचारियों ने फायर उपकरणों की मदद से आग पर काबू पाया। फायर ब्रिगेड भी सूचना पर तुरंत आग गई और बड़ा हादसा होने से टल गया। सभी मरीज और उनके परिजन सुरक्षित हैं।
बच्चों को सीने से लगाए रोते रहे परिजन
मां भगवती मदर एंड चाइल्ड केयर अस्पताल में बुधवार को चार बच्चे एडमिट थे। हालांकि सभी वार्ड में थे। जब आग का शोर हुआ और धुआं वार्ड में घुसा तो परिजन बदहवास हो गए। बच्चों को सीने से लगाए चीखते चिल्लाते बाहर भागे। अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों ने भी बच्चों को बाहर निकालने में मदद की लेकिन परिजन बुरी तरह से डर गए थे। बाहर निकलने के बाद भी वे काफी देर तक रोते रहे। परिजनों ने अपने रिश्तेदारों को भी फोन कर बुला लिया था।
चीख पुकार सुनकर सामने वाले हास्पिटल के कर्मचारी पहुंचे
अस्पताल में चार बच्चे डेढ़ साल का यश, तीन महीने का मो. आबान, दो महीने का श्रीनय और दस साल की आयशा भर्ती थे। सभी बच्चे वार्ड में थे। उनके परिजन भी साथ में वार्ड में ही थे। शाम को सवा चार बजे के करीब पहली मंजिल की ओटी से धुआं निकलने लगा तो वहां अफरातफरी मच गई। चीख पुकार के बीच परिजनों ने बच्चों को उठाया और बाहर की ओर भागे। अस्पताल स्टाफ ने बच्चों और परिजनों को बाहर निकालने में मदद की।
चीख पुकार सुनकर सामने आनंद हॉस्पिटल से भी कर्मचारी वहां पहुंच गए थे। सभी बच्चों को तुरंत आनंद हॉस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया। बच्चों के मां बाप और घर वाले इतना डर गए थे कि वे बच्चों को सीने से लगाए काफी देर तक रोते रहे। अस्पताल से बाहर निकलकर डॉक्टर तथा स्टाफ के अन्य लोग भी रोने लगे थे। उन्हें किसी तरह से समझाया बुझाया गया। फायर ब्रिगेड के आने के बाद आग और धुएं पर काबू पाया गया।
तीसरी मंजिल पर फंसे डॉक्टर के परिवार के पांच सदस्यों को किया रेस्क्यू
डॉक्टर हर्षित द्विवेदी के परिवार के लोग घटना के समय तीसरी मंजिल पर थे। पहली मंजिल में आग लगी और गाढ़ा धुआं तीसरी मंजिल तक भर गया। बच्चों और उनके परिवार वालों को तो बाहर निकाल दिया गया था लेकिन डाक्टर के परिजन फंसे हुए थे। सीएफओ राजीव पांडेय ने रेस्क्यू टीम बनाकर डॉक्टर हर्षित द्विवेदी के परिवार की डॉ. गरिमा (42), डॉ. हरदीप (40), स्वर्णिम द्विवेदी (12) अंजली (23) और नव्या द्विवेदी (12) को बाहर निकाला। बाहर निकलने के बाद परिवार के लोग एक दूसरे से लिपटकर काफी देर तक रोते रहे। रेस्क्यू टीम ने फायरमैन धर्मेंद्र मिश्रा, संजय सिंह चौहान और इंद्रजीत यादव शामिल थे।
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