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भीषण आग का हादसा, 15 मकान जलकर ख़ाक

2 Jan 2024 7:00 AM GMT
भीषण आग का हादसा, 15 मकान जलकर ख़ाक
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रोहडू। उपमंडल जुब्बल के परौंठी गांव में नए साल के जश्न में उस समय खलल पड़ गया, जब आधी रात को आग लगने से कई मकान स्वाह हो गए। आग लगने से 80 कमरे राख हो गए, जिनमें रह रहे 10 परिवार बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, जबकि लाखों की संपत्ति नष्ट भी हो गई। …

रोहडू। उपमंडल जुब्बल के परौंठी गांव में नए साल के जश्न में उस समय खलल पड़ गया, जब आधी रात को आग लगने से कई मकान स्वाह हो गए। आग लगने से 80 कमरे राख हो गए, जिनमें रह रहे 10 परिवार बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, जबकि लाखों की संपत्ति नष्ट भी हो गई। छह घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर किसी तरह से काबू पाकर साथ लगते मकानों को बचा लिया गया। आग लगने के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है। वहीं, एसडीएम जुब्बल राजीव सांख्यान ने मौके पर जाकर राहत कार्यों का जायजा लिया। पीडि़त परिवारों को प्रशासन की ओर से राहत सामग्री वितरित की गई है और प्रभावित परिवारों को प्रशासन की ओर से 15-15 हजार रुपए की फौरी राहत दी गई है। वहीं प्रशासन की टीम नुकसान का जायजा भी लेने में जुट गइ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार आग लगने से दस परिवार प्रभावित हुए हैं, जबकि तीन परिवार बेघर हो गए हैं। अन्य प्रभावित परिवारों के अन्य स्थानों पर भी मकान बने हैं, इसलिए उनको अधिक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। प्रभावित परिवारों में विनय पांटा, ईश्वर पांटा, देविंदर पांटा, योगेंदर पांटा, अजय पांटा, वीरेंदर पांटा, बसंत पांटा, शंकर दास पांटा, अत्तर सिंह पांटा, अनिल पांटा शामिल हैं।

आग की लपटे इतनी अधिक भयानक थी कि प्रभावित परिवारों के लोग कुछ भी नहीं बचा पाए। हालांकि इस आगजनी में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार रविवार आधी रात के बाद करीब एक बजे सबसे पहले विनय पांटा के लकड़ी के बने मकान में लगी, जिसके बाद अजय पांटा के मकान में लग गई। देखते ही देखते आग की लपटें इतनी भयानक हो गईं कि कई मकान इसकी जद में आ गए। सभी मकान पुरानी पहाड़ी शैली से लकड़ी के बने हुए थे। इस दौरान लोग भी आग पर काबू पाने का प्रयास करते रहे। कुछ समय बाद प्रशासन की टीम व दमकल वाहन भी मौके पर पहुंच गए और आग पर काबू पाया। एसडीएम जुब्बल राजीव सांख्यान ने बताया कि सूचना मिलते ही वह टीम के साथ मौके पर रवाना हो गए थे, जिसके बाद दमकल विभाग के साथ मिलकर राहत कार्य किया। इस दौरान स्थानीय लोगों के सहयोग से आग पर सुबह सात बजे तक काबू पा लिया गया था और साथ लगते सभी मकानों को बचा लिया गया था। आग लगने के कुछ समय के अंदर जुब्बल, रोहडू, चिडग़ांव और कोटखाई से फायर ब्रिगेड की गाडिय़ा मौके पर पहुंच गईं, जिसके बाद गांववालों की मदद से सुबह सात बजे तक आग पर पूरी तरह से नियंत्रण पा लिया गया। आग की लपटें इतनी भयानक थीं कि आग को बुझाने के लिए आठ बार फायर ब्रिगेड की गाडिय़ो में पानी भरना पड़ा। आग पर काबू पाने को दो लाख लीटर पानी का प्रयोग किया गया।

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