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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान
नई दिल्ली: 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की जांच की मांग को लेकर एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें एसआईटी जांच की भी मांग की गई थी। इस मामले में आज देश के सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ 'वी द सिटिजन' से कहा कि इस मामले पर पहले केंद्र और अन्य अधिकारियों से अपनी याचिका के साथ संपर्क करने के लिए कहा। इसके साथ ही कोर्ट से याचिका वापस ले ली गई है।
आपको बता दें कि वी द सिटीजन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कश्मीर में 1990 से 2003 तक कश्मीरी पंडितों और सिखों के नरसंहार और अत्याचार की जांच के लिए एसआईटी के गठन की मांग की थी। कश्मीर में हुए हिंदुओं के उत्पीड़न और विस्थापितों के पुनर्वास को लेकर ये याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। इसमें विस्थापितों के पुनर्वास की मांग भी की गई थी।
गौरतलब है कि अक्तूबर 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने रूट्स इन कश्मीर नाम की संस्था की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उन्होंने 1989-90 में कश्मीरी पंडितों की हत्या की 215 घटनाओं की जांच की मांग की थी।
तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा और डीवाई चंद्रचूड़ ने पुनर्विचार याचिका पर चैंबर में सुनवाई के बाद उसको खारिज कर दिया था। संस्था ने सुप्रीम कोर्ट के 24 जुलाई 2017 के कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि 27 साल पहले हुई इस घटना के जांच के आदेश नहीं दे सकते।
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