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गलवान घाटी में शहीद कर्नल संतोष बाबू की पत्नी और मां ने राष्ट्रपति से लिया महावीर चक्र, देखें वीडियो
jantaserishta.com
23 Nov 2021 5:57 AM GMT
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नई दिल्ली: लद्दाख में गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान जान गंवाने वाले कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां और पत्नी को पुरस्कार दिया।
गलवान घाटी में 15 जून, 2020 को हुई थी झड़प
भारत और चीन सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प 15 जून, 2020 को हुई थी। इस लड़ाई में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इनमें कर्नल संतोष बाबू भी शामिल थे। इसमें चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने कभी यह स्वीकार नहीं किया। 1962 के चीन युद्ध और गलवान घाटी में मातृभूमि की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीरों को सम्मान देने के लिए रेजांग ला युद्ध स्मारक (Rezang La war memorial) बनाया गया है। इसका उद्घाटन रक्षामंत्री राजनाथ सिंह(Rajnath Singh) ने 18 नवंबर को किया था। यह स्मारक पूर्वी लद्दाख के रेजांग ला में है।
22 नवंबर को राष्ट्रपति ने विंग कमांडर अभिनंदन को दिया था वीर चक्र
वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान(Abhinandan Varthaman) को उनके अदम्य साहस के लिए 22 नवंबर को वीर चक्र(Vir Chakra) से सम्मानित किया गया था। यह अवार्ड उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद(President Ram Nath Kovind) ने प्रदान किया। इसके अलावा अन्य वीरों को भी राष्ट्रपति ने सम्मानित किया था।
तीसरा सबसे बड़ा सैन्य पुरस्कार
वीर चक्र एक भारतीय युद्धकालीन सैन्य वीरता पुरस्कार(Indian wartime military bravery award ) है। यह युद्ध के मैदान में अदम्य साहस दिखाने पर दिया जाता है। यह तीसरा बड़ा भारतीय सैन्य पुरस्कार है। परम वीर चक्र(Param Vir Chakra) और महा वीर चक्र(Maha Vir Chakra) के बाद यह आता है। पहला वीर चक्र 1947 में दिया गया था। अभिनंदन के अलावा अब तक 361 वीर चक्र प्रदान किए चुके हैं।
#WATCH | Col Santosh Babu accorded Mahavir Chakra posthumously for resisting Chinese Army attack while establishing an observation post in the face of the enemy in Galwan valley in Ladakh sector during Operation Snow Leopard.
— ANI (@ANI) November 23, 2021
His mother and wife receive the award from President. pic.twitter.com/vadfvXBz9M
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