भारत

मार्बल व्यापारी का अपहरण, पुलिस ने ऐसे सुलझायी अपहरण की गुत्थी

jantaserishta.com
3 Jan 2022 3:50 PM GMT
मार्बल व्यापारी का अपहरण, पुलिस ने ऐसे सुलझायी अपहरण की गुत्थी
x
पढ़े पूरी खबर

उदयपुर के अम्बामाता थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े हुए मार्बल व्यवसायी राहुल माखिजा के अपहरण के मामले का पुलिस ने सोमवार को खुलासा कर दिया. पुलिस ने राहुल को एमपी के इंदौर से अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया. पुलिस ने मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तारा किया है. हालांकि इस पूरे मामले में ऐसे कई सवाल है जिसका जवाब अभी भी सामने नहीं आ पाया है.

मामले का खुलास करते हुए आईजी हिंगलाज दान (IG Hinglaj Dan) ने बताया कि मध्य प्रदेश के निचम इलाके में रहने वाले अनुराग अहीर ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ मिल कर राहुल के अपरण की साजिश रची. इसके बाद 30 दिसंबर को दिन दहाड़े उन्होने राहुल का अपहरण कर लिया. इसके बाद आरोपियों से राहुल के परिजनों से 80 लाख रूपए के फिरौती की मांग की. परिजनों की रिपोर्ट के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष टीमों को गठन किया गया.
पुलिस ने घटना स्थल के सीसीटीवी फुटेज और अन्य तकनीकी संसाधनों के आधार पर अपने अनुसंधान को आगे बढ़ाया. पुलिस की धरपकड़ को देखते हुए आरोपी राहुल को लेकर एमपी के इंदौर फरार हो गए. इस दौरान पुलिस ने मुख्य शाजिश कर्ता अनुराग अहीर को गिरफ्ता करने में सफलता मिल गई. अनुराग से प्रारम्भीक पूछताछ में सामने आया कि राहुल को इंदौर के एक फार्म हाउस में रखा हुआ है. इस पर डिस्टीक स्पेशल टीम के इंचार्ज दलपत सिंह के नेतृत्व में एक टीम इंदौर पहुंची. जहां टीम ने कार्यवाही करते हुए फार्म हाउस से राहुल को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त कराया दिया.
पुलिस ने अपनी कार्यवाही में निमच निवासी माधव बंसल, मोहित यादव और गुजरात के रहने वाले विपुल अजमेरा को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों को शरण देने के आरोप में मोहित के पिता संतोष यादव को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने अपनी कार्यवाही में आरोपियों के कब्जे से तीन कारें और एक चोरी की एक्टिवा को जब्त किया है. पुलिस देर दोहपर को आरोपियों को लेकर उदयपुर पहुंची. आईजी हिंगलाज दान ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा कि अगर पुलिस को समय रहते सफलता नहीं मिलती तो राहुल के साथ कुछ अनहोनी हो सकती थी. वहीं पुलिस मंगलवार को आरोपियों को कोर्ट में पेश कर के रिमांड पर लेगी. हालांकि इस दौरान उसने कई बड़े सवाल है जिनका जवाब अभी तक पुलिस को नहीं मिल पाया है.
वह सवाल जिनका जवाब अभी नहीं मिला
1— आखिर किस कारण आरोपियों ने राहुल के अपहरण की योजना बनाई
2— एक भी आरोपी उदयपुर का नहीं है, ऐसे में अपहरण के लिए आरोपियों ने राहुल को कैसे किया चिह्नित
3— क्या राहुल के अपहरण में स्थानिय बदमाश भी शामिल है
4— राहुल के अपहरण के पीछे सिर्फ फिरौती के पैसे वसूले जाने थे मकसद या परदे के पीछे कोई और कहानी है.
5— आरोपियों को कैसे पता चला कि परिवार के लोग राहुल को छुडाने के लिए दे देगें 80 लाख रूपए
6— राहुल के अपहरण के बाद उदयपुर में बदमाशों की किसी ने मदद की और पुलिस की सख्ती के बीच वे इंदौर तक कैसे पहुंच गए
इसके इलावा भी ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब अभी तक पुलिस के पास नहीं है. ऐसे में आरोपियों से अग्रीम अनुसंधान में ही इस पुरे मामले का खुलासा हो पाएगा.
इस तरह किया अपहरण
आईजी हिंगलाज दान ने बताया कि राहुल का अपहरण करने से पहले आरोपियों ने एक दिन पहले एक्टिवा गाडी चुराई थी और राहुल की रैकी की. 30 दिसंबर की सुबह जब राहुल अपनी कार से अम्बामाता थाना इलाके से निकल रहा था तो आरोपियों ने एक्टिवा गाडी को राहुल की कार के सामने खड़ा कर दिया. उन्होने राहुल की आंखों में मिर्ची डाल कर उसीकी की कार में ही उसका अपहरण कर फरार हो गए. इसके बाद राहुल के अपने मोबाइल से परिजनों को व्हाट्सएप कॉल किया और अपने अपहरण की बात कहते हुए आरोपियों की ओर से 80 लाख की फिरौती की मांग की. उदयपुर में पुलिस की बढ़ती सख्ती को देख आरोपी मौका पाकर इंदौर भाग गया.
इस टीम ने की कार्यवाही
पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार और एएसपी सिटी गोपाल स्वरूप मेवाड़ा के निर्देश में डीएसपी जितेन्द्र आंचलिया के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया. जिसमें अम्बामाता थानाधिकारी सुनिल कुमार, घंटाघर सीआई श्याम रत्नु, सुखेर थानाधिकारी मुकेश सोनी, सवीना थानाधिकारी रविन्द्र चारण, भूपालपुरा थानाधिकारी भवानी सिंह, डीएसटी प्रभारी दलपत सिंह, डुंगला थानाधिकारी यशवन्त सिंह और साइबर सेल प्रभारी हैड कांस्टेबल गजराज सिंह को शामिल किया.टीम ने अथक प्रयास से इस मामले का खुलासा किया.
Next Story