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मराठा आंदोलन अब भी जारी, नेता चाहते हैं जीआर में बदलाव

Shantanu Roy
7 Sep 2023 6:08 PM GMT
मराठा आंदोलन अब भी जारी, नेता चाहते हैं जीआर में बदलाव
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जालना(आईएएनएस)। मराठवाड़ा क्षेत्र के मराठों को 'कुनबी जाति' प्रमाणपत्र जारी करने को लेकर महाराष्ट्र सरकार की ओर से जीआर प्रकाशित किए जाने के कुछ घंटों बाद प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला किया, क्‍योंकि वे इसमें कुछ बदलाव चाहते हैं। यह प्रमाणपत्र उन्‍हीं को मिलेगा, जिनके पास निज़ाम-युग के राजस्व या शिक्षा दस्तावेज हैं। पिछले 10 दिनों से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे मराठा नेता मनोज जारांगे-पाटिल ने गुरुवार दोपहर को प्रकाशित सरकारी प्रस्ताव में कुछ बदलावों का सुझाव दिया है।
नए जीआर के अनुसार, मराठों को कुनबी जाति प्रमाणपत्र - जिन्हें पहले कुनबी (ओबीसी) मराठा के रूप में मान्यता दी गई थी, उन्हें ओबीसी श्रेणी के तहत कोटा लाभ का अधिकार देगा। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुंबई में कहा, "सरकार मराठा समुदाय को आरक्षण देने के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसा करते समय हम किसी अन्य समुदाय के साथ अन्याय नहीं करेंगे।"
हालांकि, राज्य में कुछ राजनेता नेता कथित तौर पर इस कदम के खिलाफ हैं, लेकिन इससे 29 अगस्त से जारी कोटा समर्थक आंदोलन खत्‍म होने की उम्मीद बढ़ गई है। महाराष्ट्र की कुल 12 करोड़ आबादी में मराठाओं की हिस्सेदारी करीब 33 फीसदी है. राज्य में कुल 52 प्रतिशत आरक्षण में से, एससी और एसटी को क्रमशः 13 और 7 प्रतिशत आरक्षण मिलता है, जबकि ओबीसी को 19 प्रतिशत मिलता है और वीजेएनटी, विशेष पिछड़ा वर्ग और खानाबदोश जनजातियों को शेष 13 प्रतिशत मिलता है। मराठा एक राजनीतिक रूप से प्रभावशाली समुदाय है और 1960 में महाराष्ट्र राज्य के गठन के बाद से 20 में से 12 मुख्यमंत्री मराठा थे, जिन्हें एक पूर्व योद्धा कबीले के रूप में माना जाता है।
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