यूपी। ई-केवाईसी के बाद यूपी में हजारों राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। अकेले मुरादाबाद में नौ हजार राशन कार्ड काटे गए हैं। प्रत्येक यूनिट की ईकेवाईसी में जैसे ही फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ तो राशन कार्डों को तत्काल निरस्त किया गया। हालांकि इसका करीब तीन गुना यानी 28 हजार श्रमिकों को मुफ्त राशन के लिए जोड़ा भी गया है। अगर ईकेवाईसी में मुरादाबाद की बात करें को यह प्रदेश में तीसरे स्थान पर है।
प्रदेश का गोरखपुर जिला राशन उपभोक्ताओं की स्क्रुटनी में नंबर एक पर है। दूसरे स्थान पर श्रावस्ती है। यूपी के टॉप टेन जिलों में मुरादाबाद मंडल का संभल जिला भी है। राशन कार्डों की ईकेवाईसी में संभल का नौवां स्थान है। मुरादाबाद के जिला आपूर्ति अधिकारी ने अभियान चलवाया तो यहां 15 लाख से ज्यादा यूनिटों के सत्यापन में निकल कर आया कि हजारों कार्ड होल्डर इनकम टैक्स रिटर्न भर रहे थे। इन सभी के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। जिला आपूर्ति अधिकारी अजय प्रताप सिंह ने बताया कि जो भी आईटीआर यानी इनकम टैक्स भर रहा है वह किसी भी सूरत में राशन लेने का हकदार नहीं है। इसी वजह से उनकी जगह अन्य पात्रों को जोड़ा गया है। आईटीआर भरने वालों के राशन कार्ड निरस्त कर दिए गए हैं। मुरादाबाद जिले के 28 हजार यूनिट जोड़े गए हैं। यह सभी श्रमिक हैं जिनको अभी तक मुफ्त राशन का लाभ नहीं मिल रहा था। राशन कार्डों में यह यूनिट जुड़ने से तमाम लोगों को फायदा होगा। राशन कार्डों का कोटा तय है जब उनसे अपात्रों के नाम कटते हैं तो नए नामों को उसमें जोड़ा जाता है।
अगर प्रतिशत में बात करें तो अभी तक गोरखपुर 74.85 प्रतिशत की केवाईसी हो चुकी है। श्रवस्ती में 71.73 प्रतिशत मुरादाबाद में 70.66 प्रतिशत, अंबेडकर नगर में 70.58 प्रतिशत, मऊ में 70.18, सुल्तानपुर में 69.49, ललितपुर में 69.48, लखनऊ में 69.07, संभल में 68.74 और संत कबीर नगर में 68.70 प्रतिशत की केवाईसी हो चुकी है।