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दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूल सभी कक्षाओं के लिए खुला, 50 फीसदी छात्र ही क्लास में आ सकेंगे

Rani Sahu
8 Nov 2021 5:44 PM GMT
दिल्ली के कई प्राइवेट स्कूल सभी कक्षाओं के लिए खुला, 50 फीसदी छात्र ही क्लास में आ सकेंगे
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राष्ट्रीय राजधानी में कई निजी स्कूल सोमवार से सभी कक्षाओं के लिए फिर से खुल गए

राष्ट्रीय राजधानी में कई निजी स्कूल सोमवार से सभी कक्षाओं के लिए फिर से खुल गए, जबकि कई अन्य अब भी स्कूलों को फिर से खोलने के तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं और आने वाले हफ्तों में भौतिक कक्षाएं फिर से शुरू हो जाएंगी. दिल्ली आपदा प्रबंधन अधिकरण (DDMA) ने पिछले महीने घोषणा की थी कि स्कूल सभी कक्षाओं के लिए एक नवंबर से फिर से खुल जाएंगे हालांकि शिक्षण का तरीका मिश्रित माध्यम से जारी रहेगा.

दिल्ली में सरकारी स्कूल एक नवंबर से फिर से खुल गए थे लेकिन अधिकांश निजी स्कूलों ने दिवाली और अन्य त्योहारों के मद्देनजर कनिष्ठ कक्षाओं के लिए स्कूलों को फिर से खोलने का फैसला टाल दिया था. शालीमार बाग में मॉडर्न पब्लिक स्कूल सोमवार को नर्सरी और किंडरगार्टन कक्षाओं के लिए फिर से खुल गया.
11 नवंबर से शुरू होंगी ऑफलाइन कक्षाएं
स्कूल की प्रधानाचार्या अल्का कपूर ने कहा, "स्कूल को नर्सरी और केजी के लिए फिर से खोल दिया गया है, जबकि कक्षा 1 से 5 तक के ऑफलाइन स्कूल 11 नवंबर से शुरू होंगे. हम कुछ समय बाद वरिष्ठ कक्षाओं के लिए ऑफलाइन स्कूल शुरू करने की योजना बना रहे हैं क्योंकि कक्षा 9, 10 और 11 के छात्रों की ऑफलाइन परीक्षा हो रही है, साथ ही कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों की ऑनलाइन यूनिट टेस्ट चल रहा है."
उन्होंने कहा, "कोविड-19 प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए और अपने विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए, हम छात्रों को सम-विषम रोल नंबर के आधार पर बुलाएंगे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि प्रत्येक दिन केवल 50 प्रतिशत छात्र ही स्कूल आएं." रोहिणी में माउंट आबू पब्लिक स्कूल की बृहस्पतिवार से फिर से खुलने की योजना है, उसी क्षेत्र के एमआरजी स्कूल ने 15 नवंबर से कक्षाएं फिर से खोलने का फैसला किया है.
50 फीसदी क्षमता से ही चलेंगी कक्षाएं
गैर सहायता प्राप्त निजी स्कूलों की कार्य समिति के महासचिव भरत अरोड़ा ने कहा कि कुछ स्कूल अभी भी अभिभावकों से सहमति लेने की प्रक्रिया में हैं. डीडीएमए ने निर्देश दिया है कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक समय में एक कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति न हो और किसी भी छात्र को भौतिक कक्षाओं में भाग लेने के लिए मजबूर न किया जाए.

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