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हिस्ट्रीशीटर की बेटी की मौत मामले में कई पुलिसवाले रडार पर, एसपी ने कहा - होगी कार्रवाई

Nilmani Pal
3 May 2022 1:06 AM GMT
हिस्ट्रीशीटर की बेटी की मौत मामले में कई पुलिसवाले रडार पर, एसपी ने कहा - होगी कार्रवाई
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यूपी। उत्तर प्रदेश के चंदौली में हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव के घर पर दबिश देने गई पुलिस की कार्यशैली पर अब सवाल उठ रहे हैं. घर पर दबिश दिए जाने के दौरान कन्हैया यादव की बेटी की मौत हो गई थी, जिसके बाद यूपी पुलिस विपक्ष के निशाने पर आ गई है. अखिलेश यादव ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज करने की मांग भी की है. चंदौली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं, क्योंकि निशा की मौत के बाद उसके पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ना तो किसी गंभीर चोट की पुष्टि हुई और ना ही इसे आत्महत्या माना जा रहा है. अब ऐसे में ये गुत्थी नहीं सुलझ रही है कि आखिर कन्हैया यादव की बड़ी बेटी की मौत उस दौरान कैसे हुई?

हालांकि कन्हैया यादव और मृतक निशा की छोटी बहन ने सीधे तौर पर घर आए पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया है. निशा के पिता और हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव ने कहा है कि पुलिस ने पहले उसकी बेटी से मारपीट की और फिर उसे फांसी के फंदे से लटकाकर मौके से भाग गए. यहां चौंकाने वाली बात ये है कि पोस्टम-र्टम रिपोर्ट में फंदे से लटकाए जाने की पुष्टि भी नहीं हुई है.

लोगों के मन में ये बात भी खटक रही है कि अगर निशा ने घर में फांसी लगाई तो उसे फंदे से लटकते हुए किसी बाहरी शख्स ने क्यों नहीं देखा? लोग ये भी पूछ रहे हैं कि अगर पुलिस की मारपीट में युवती घायल थी तो उसे अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? पुलिस के लिए इन सवालों का जवाब देना मुश्किल हो रहा है.

मृतक निशा के गले पर खरोंच और बाएं जबड़े के नीचे आधा सेंटीमीटर चोट के निशान पाए गए हैं. ऐसे में लोग यह भी जानना चाहते हैं कि आखिर कन्हैया यादव की बेटी को ये चोट कैसे लगी? पोस्टमॉर्टम में शरीर पर कहीं भी ऐसी चोट नहीं पाई गई है जिससे मौत हो जाए. निशा की मौत का कारण अभी इसलिए भी साफ नहीं हो पाया है, क्योंकि उसका विसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा गया है.

बता दें कि आमतौर पर जहर खाने से हुई मौत के मामले में विसरा परीक्षण को सुरक्षित रखा जाता है. हालांकि, निशा के पिता समेत उनकी छोटी बहन और पूरा परिवार उसकी मौत के लिए पुलिसकर्मियों को ही जिम्मेदार बता रहे हैं.

निशा की छोटी बहन ने क्या कहा?

निशा की मौत से टूट चुकी उसकी छोटी बहन गुंजा ने बताया कि जब पुलिस वाले दरवाजा खोलकर अंदर आए, तो हम लोगों ने पूछा कि बिना वारंट के कैसे आ गए? तो डांटने लगे और पिटाई शुरू कर दी. इस दौरान दीदी अंदर भागी और ऊपर एक कमरे में पहुंचीं तो पीछे से महिला पुलिसकर्मियों के साथ जवान भी वहां पहुंच गए.

गुंजा ने कहा, ''उन्होंने (पुलिस) वहां दीदी (निशा) के साथ मारपीट की. दीदी मदद के लिए चिल्ला रही थीं. मैंने आवाज लगाई कि सर, क्या कर रहे हैं? मत कीजिए. इसके बावजूद इन्होंने एक नहीं सुनी और दीदी के साथ मारपीट करते रहे. बाहर मेरे साथ भी मारपीट की जा रही थी. थोड़ी देर बाद दीदी की आवाज आना बंद हो गई. मैं पूछा तो मेरी बात का कोई जवाब नहीं दे रहा था.''

कब हुई ये घटना?

यह घटना उस वक्त हुई जब पुलिस सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव के रहने वाले कन्हैया यादव को पकड़ने के लिए रविवार की शाम को उसके घर पर दबिश देने गई थी. कन्हैया यादव बालू के कारोबारी हैं. ऐसी भी चर्चा है कि कन्हैया यादव खनन माफियाओं से सांठगांठ कर बालू का अवैध कारोबार भी करते थे. कन्हैया यादव का पुराना आपराधिक इतिहास है. सिर्फ कन्हैया यादव ही नहीं बल्कि उसके परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. इस मामले को लेकर चंदौली एसपी अंकुर अग्रवाल ने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत के कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है. गले पर खरोंच और जबड़े में हल्के चोट के निशान हैं.

उन्होंने कहा, इंटरनल और एक्सटर्नल किसी तरह की नई चोट नहीं है. घटना के रिक्रिएशन कर विशेषज्ञों से मदद की जाएगी. पुलिस सभी बिंदुओं की जांच कर रही है. जांच में अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

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