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मनमोहन सिंह और आडवाणी समेत कई बुजुर्ग नेताओं ने घर से किया मतदान

Shantanu Roy
18 May 2024 12:23 PM GMT
मनमोहन सिंह और आडवाणी समेत कई बुजुर्ग नेताओं ने घर से किया मतदान
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के लिए दिल्ली में 25 मई को वोटिंग होनी है। 85 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए घर से वोट डालने की प्रोसेस शुरू हो गई है। दिल्ली में चुनाव आयोग के अधिकारियों ने पूर्व PM मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के घर जाकर शनिवार सुबह वोट डलवाए। उधर, ममता बनर्जी ने X पर लिखा- गरीबों के विकास के लिए पैसा नहीं दिया जा रहा, ये पाप है, लेकिन प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए खूब पैसा खर्च किया जा रहा है। बंगाल बीजेपी के अन्याय का बदला लेगा। झाड़ग्राम, घाटल और मेदिनीपुर के लोगों ने साफ संदेश दे दिया है, बांग्ला विरोधियों को विसर्जन तय है।
लोकसभा चुनाव के चार चरणों का मतदान पूरा हो गया है और बचे हुए तीन चरणों की वोटिंग के लिए प्रचार अभियान जोरों पर है. दिल्ली में छठे चरण के तहत 25 मई को वोट डाले जाएंगे. इस बार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए दिल्ली में चुनाव आयोग ने 85 साल से अधिक की उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों के लिए घर से मतदान की व्यवस्था शुरू की है. इसी के तहत शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर ने नई दिल्ली लोकसभा सीट के लिए अपने घर से मतदान किया.
जिला निर्वाचन कार्यालय के अधिकारियों ने उनके घर जाकर मतदाना कराया. यही नहीं, पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के घर भी निर्वाचन अधिकारी पहुंचे और उन्होंने भी घर से मतदान किया. दिल्ली के मुख्य निर्वाचन कार्यालय (सीईओ) ने सभी सात संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के लिए 2024 के आम चुनावों में बुजुर्ग नागरिकों और दिव्यांग लोगों (पीडब्ल्यूडी) के लिए घर पर मतदान सुविधा शुरू करके एक पहल की है. यह 85 वर्ष और उससे अधिक आयु के बुजुर्गों और दिव्यांगों को अपने घर से आराम से वोट डालने की सुविधा प्रदान करता है, यह सुविधा 24 मई तक जारी रहेगी.
दिल्ली में 5,472 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता हैं, जिनमें 85 वर्ष से अधिक आयु के लोग और दिव्यांगजन शामिल हैं जिन्होंने आगामी चुनावों के लिए घर पर मतदान की सुविधा का लाभ उठाने के लिए फॉर्म 12डी भरा था. दिल्ली चुनाव आयोग के सीईओ ने उन मतदाताओं के लिए भी तैयारी की है जो घर पर मतदान करना चाह रहे हैं. घर से मतदान करने की प्रक्रिया में मतदान कर्मचारियों और सुरक्षा कर्मियों की एक पूरी टीम शामिल होती है जो मतदान के दौरान अत्यधिक गोपनीयता और अखंडता बनाए रखती है. निर्वाचन आयोग (ईसीआई) एक निष्पक्ष लोकतंत्र सुनिश्चित करने का भरोसा देता है जहां शारीरिक सीमाओं या उम्र की परवाह किए बिना हर नागरिक की आवाज मायने रखती है.
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