
देहरादून। भारतीय जनता पार्टी की उत्तराखंड में आई पहली सूची के साथ ही पार्टी में बगावत के सुर सतह पर आ गए हैं। पिथौरागढ़ से चमोली तक नीताल से रुद्रप्रयाग और उत्तर कशी तक पार्टी संगठन में विद्रोह के हालत हैं। कुछ एक तो कांग्रेस की नौका में सवार होने की जुगत बैठने में लग गए हैं। हालांकि यह पार्टी के लिए सदमा नहीं है। इसलिए भी कि पार्टी इस बात के लिए मन बना चुकी थी कि हो सकता है कि टिकट न मिलने पर पाला बदल लें अथवा पार्टी को नुक्सान को पहुँचाने की कोशिश करें।
हालत इतने खराब हो चुके हैं, पार्टी नेताओं ने मुख्यालय में बाउंसर तैनात कर दिए हैं। नरेंद्र नगर सीट से पूर्व विधायक ॐ गोपाल यादव ने पार्टी छोड़ दी है। वे भाजपा के टिकटार्थी थे। यादव कांग्रेस के समपर्क में हैं। इसी तरह कपकोट से पूर्व विधायक शेर सिंह गड़िया को टिकट नहीं दिया गया. उनकी जगह सुरेश गड़िया को मौका दिया गया है। इससे नाराज़ शेर सिंह और उनके 39 समर्थकों ने पार्टी से इस्तीफा सौंप दिया। भीमताल से व्ही लगभग 150 असंतुष्टों ने पार्टी को अलविदा कह दिया। चमोली जिले से भाजपा की विधायक मुन्नी देवी शाह ने नाराज़ होकर निर्दलीय लड़ने का एलान कर दिया है।
