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कई बच्चे स्वाइन फ्लू की चपेट में, सांस लेने में तकलीफ और चिड़चिड़ापन की शिकायत

Nilmani Pal
2 March 2024 1:37 AM GMT
कई बच्चे स्वाइन फ्लू की चपेट में, सांस लेने में तकलीफ और चिड़चिड़ापन की शिकायत
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डॉक्टर ने परिजनों को किया अलर्ट

दिल्ली। दिल्ली के मौसम में बदलाव और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण अस्पतालों के अंदर बच्चों में फ्लू जैसे लक्षण वाले मामले 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। डॉक्टरों ने अभिभावकों को बच्चों को प्रदूषण से बचाने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि जिन बच्चों में बीमारी के लक्षण हैं, उन्हें स्कूल न भेजें ताकि दूसरे बच्चों को संक्रमित होने से बचाया जा सके।

बच्चों के अस्पताल मधुकर रेनबो चिल्ड्रन हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर चंद्रशेखर सिंघा ने बताया कि एच1एन1 यानी स्वाइन फ्लू के मामलों में भी वृद्धि हुई है। यह इन्फ्लुएंजा वायरस अधिक संक्रामक है। अधिकतर मामलों में इसमें बच्चों को सांस की तकलीफ और चिड़चिड़ापन का अनुभव होता है। कुछ अन्य संकेत और लक्षण हैं जिनमें बुखार, ठंड लगना, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द, थकान, सांस फूलना शामिल हैं।

एम्स के बाल रोग विभाग के डॉ. राकेश बागड़ी ने बताया कि निमोनिया का संक्रमण होने पर कुछ बच्चों को खांसी और हल्का बुखार है। कुछ ऐसे भी हैं, जिनका खाना पीना कम हो गया है। बच्चों को सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है। तेज सांस लेना, सीने में घरघराहट आदि भी निमोनिया के संकेत हो सकते हैं। इसमें पांच साल से कम उम्र के ज्यादातर बच्चों में सांस लेने में भी दिक्कत होती है। बच्चों को कम से कम 20 सेकेंड के लिए नियमित रूप से अपने हाथों को साबुन और पानी से धोना चाहिए। शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए स्वस्थ जीवनशैली का पालन करें। पर्याप्त आराम करें, संतुलित आहार लें।

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