तुस्याना भूमि घोटाले में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के कई बड़े अधिकारी आ सकते है मुसीबत में
एनसीआर नॉएडा क्राइम न्यूज़: तुस्याना भूमि घोटाले की परतें धीरे-धीरे खुलने लगी है। इस घोटाले में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के 14 अधिकारी, एडीएम लैंड विभाग के 6 अधिकारी और कई सफेदपोश नेता लपेटें में आ सकते है। क्योंकि मुआवजा उठाने में एडीएम लैंड विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों का अहम रोल रहा है। वहीं, प्लॉट का आवटन करने में अथॉरिटी के लैंड विभाग, प्लानिंग विभाग और प्रॉजेक्ट विभाग से लेकर सीईओ तक अहम रोल रहा है। जमीन की फर्जी पावर ऑफ अटार्नी करने से लेकर मुआवजे के बंदरबाट तक कई सफेदपोश नेता शामिल रहे हैं।
घोटाले का मास्टरमाइंड राजेंद्र सिंह मकोड़ा: इस घोटाले को अंजाम वर्ष 1998 में दिया गया था। तुस्याना गांव की यह जमीन ग्राम समाज की सरकारी थी। जमीन के खसरा संख्या 987, 1104, 1105 और 1106 था। इस जमीन का रकबा 175 बीघा है। जमीन घोटलों के मास्टर माइंड राजेंद्र सिंह मकोड़ा ने आनंदपुर निवासी रविंद्र तोंगड के साथ मिलकर जालसाजी कर पहले आपस में ही खरीद-फरोख्त की है। इसके बाद इस जमीन का एडीएम लैंड विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों से मिलकर करोडों रुपए का मुआवजा उठाया।
ऐसे किया था घोटाला: खसरा संख्या-987 रकबा 16-3-0 पुख्ता बंजर दर्ज थी। इन लोगों ने बंजर भूमि को भी नहीं छोड़ा। जबकि, उस समय के जिला शासकीय अधिवक्ता देवीशरण शर्मा ने एलआर ए एक्ट संख्या 10 सन 1999 में आपत्ति दर्ज की थी, लेकिन राजेंद्र सिंह ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी से श्वेता पत्नी मनोज पुत्र राजेंद्र, मधु सिंह पुत्री जीएस कंबोज पत्नी दीपक पुत्र राजेंद्र ने फर्जी पावर ऑफ अटार्नी कराकर 30 दिसंबर 1998 को करोडों रुपए का मुआवजा उठाया था।
6 प्रतिशत प्लॉट का आवंटन करवाया: इसके बाद जमीन को कुर्क कर सरकार के मालकान रजिस्टर खतौनी में दर्ज करा दिया। फर्जीवाड़े में ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पूर्व जीएम रविंद्र तोंगड ने भी जमीन खरीदी। यह खेल मुआवजा उठाने तक ही सीमित नहीं रहा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से 6 प्रतिशत प्लॉट का आवंटन कराने का खेल खेला गया।
ड्राफ्टमैन तक इस खेल में शामिल: जमीन के नक्शा-11 में मधु सिंह पुत्री जीएस कंबोज दर्ज था, लेकिन राजेंद्र सिंह ने ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के लैंड विभाग से इस जमीन का 6 प्रतिशत प्लॉट का आवंटन राजेंद्र सिंह ने मधु पुत्री जीएस कंबोज की जमीन अपनी पुत्र बधु मधु सिंह पुत्री भीम सिंह (पत्नी दीपक) के नाम अलॉट करा लिया। इसके बाद इस प्लॉट को सूरजपुर-कासना रोड पर ग्रीन बेल्ट में प्लॉट को लगवा दिया गया। हाईटेशन लाइन के तले प्लॉट अलॉट कराने में रविंद्र पुत्र रामदास निवासी आननदपुर की अहम भूमिका रही। प्लानिंग विभाग के जीएम से लेकर ड्राफ्टमैन तक इस खेल में शामिल रहे।