देश के नए स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए मनसुख मंडाविया को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. कुछ लोगों ने उनकी अंग्रेजी का मजाक बनाना शुरू कर दिया है. दरअसल सोशल मीडिया पर मंडाविया के कुछ पुराने स्क्रीनशॉट वायरल किए जा रहे हैं. उनके तमाम ट्वीट 2013-2014 के हैं. मंडाविया के अकाउंट से उन ट्वीट को काफी पहले ही डिलीट किया जा चुका है, लेकिन कुछ लोग पुराने स्क्रीनशॉट के जरिए निशाना साध रहे हैं. पहली प्रेस ब्रीफिंग के दौरान भी उनसे पूछा गया कि आपको सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जा रहा है. इस पर मनसुख सवाल हंस कर टाल गए. स्वास्थ्य मंत्री बोले कि इसका मेरे पास जवाब नहीं है.
मनसुख मांडविया की अंग्रेजी का क्यों बनने लगा मजाक?
स्वास्थ्य मंत्री बनने के बाद मंडाविया को अब इस ट्रोलिंग से कोई फर्क नहीं पड़ता है. उनकी नजरों में अंग्रेजी बोलना ही सब कुछ नहीं होता है. आजतक से बातचीत के दौरान मंडाविया ने इस बारे में कहा कि सरकार चलाने के लिए अंग्रेजी जरूरी नहीं है. उनकी नजरों में उनका काम बोलता है और उसी वजह से उन्हें पीएम मोदी द्वारा इतनी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. ऐसी जानकारी मिली थी कि कोरोना काल में मनसुख मंडाविया के बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से ही उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया. उनकी तरफ से मुश्किल समय में रेमडेसिविर और दूसरी जरूरी दवाओं की सप्लाई को ठीक करना हो या फिर ऑक्सीजन को विदेश से मंगवाने का काम हो, उनकी तरफ से सही समय पर सही कदम उठाए गए थे. इसी वजह से उन्हें अब स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई है.
बतौर शिपिंग मंत्रालय में राज्य कक्षा के मंत्री रहते हुए भी उन्होंने इस बात का पूरा ख्याल रखा था कि जो ऑक्सीजन शिपिंग कंसाइनमेंट के जरिए आ रहा है वो जल्द से जल्द किसी भी सरकारी प्रक्रिया से ना गुजरते हुए लोगों तक पहुंचे. ऐसे में अब जब उनकी अंग्रेजी का मजाक बनाया जा रहा है, तो ना वे इसको ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं और ना ही उनकी तरफ से कोई तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है.