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गरीबी की ‘छत’ तले पढ़े युवाओं के लिए मनोहर सरकार ने तैयार की उम्मीद की नई ‘दहलीज’

Shantanu Roy
28 Sep 2023 12:09 PM GMT
गरीबी की ‘छत’ तले पढ़े युवाओं के लिए मनोहर सरकार ने तैयार की उम्मीद की नई ‘दहलीज’
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चंडीगढ़। प्रदेश में सबका साथ-सबका विकास और हरियाणा एक व हरियाणवी एक के नारे को चरितार्थ करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने जहां सभी के लिए विकास का खाका खींचा, वहीं अपनी योजनाओं का पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने पर विशेष फोकस रखा। इनमें चाहे मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना हो अथवा हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचाने की बात हो, मुख्यमंत्री खट्टर ने सदैव ही इस दिशा में सार्थक कदम बढ़ाए हैं। इसी की बानगी है कि प्रदेश के अन्य वर्गों के साथ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वालों को भी दोहरे लाभ इसी सरकार में हासिल हुए हैं। ऐसी योजनाओं के संदर्भ में राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि ये योजनाएं गरीब तबके के लोगों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हुई हैं। इन फायदों को देखते हुए ये भी कहा जा सकता है कि गरीबी की छत तले पढ़े लिखे युवाओं को नौकरियां प्रदान करते हुए उनके लिए उम्मीद की एक नई ‘दहलीज’ तैयार की है। जहां दस्तक देने भर से ही युवा नौकरी पाने के बाद अपने परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हुआ है।
मुख्यमंत्री खट्टर ने अपने इस कल्याणकारी कदम के मार्फत बीते करीब इन 9 सालों में प्रदेश के ऐसे 1 लाख 10 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी प्रदान की। जो हकीकत में अपनी गरीबी के आंगन को बदलने के लिए जद्दोजहद में थे। मगर सरकारी नौकरी मिलने के बाद जहां इन लोगों की सूरत और सीरत बदली तो वहीं इन युवाओं को नौकरी मिलने से वह मिथ्या भी दूर हुई, जिसे लेकर अक्सर यही कहा जाता था कि सरकारी नौकरी बिना पर्ची और खर्ची के मिलना बेहद मुश्किल है। मगर सीएम खट्टर की दूरदर्शिता का ही प्रभाव है कि उचित पात्र को ही ‘कामयाबी’ की डगर मिल रही है। उधर मुख्यमंत्री के विजन का ही आलम है कि विकासकारी नीतियों के साथ साथ ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने पर सरकार को विशेष सम्मान भी मिला है।
गौरतलब है कि प्रदेश के शिक्षित युवा वर्ग में एक ऐसी धारणा थी कि बिना किसी को कुछ लिए दिए वे सरकारी नौकरी नहीं पा सकते। गरीब परिवार में रहने वालों की भी कुछ अलग ही धारणा थी। मगर वर्ष 2014 में जब मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश में बतौर मुख्यमंत्री कमान संभाली तो उन्होंने अनेक ऐसे प्रयोग किए जो आज प्रदेश के हर वर्ग के लिए कल्याणकारी साबित हो रहा है। मुख्यमंत्री ने अपने इन 9 सालों के दौरान बिना सिफारिश के युवाओं को नौकरी देकर गरीबों के घर में आशा की एक नई किरण जगाई है। किसी को विश्वास ही नहीं था कि उनको भी कभी बिना सिफारिश और पैसे के हरियाणा में सरकारी नौकरी मिल सकती है, क्योंकि हमेशा से ही नौकरी के मामले में हरियाणा में क्षेत्रवाद, भाई-भतीजावाद व जातिवाद का बोलबाला रहा है।
मुख्यमंत्री ने 1 लाख 10 हजार युवाओं को सरकारी नौकरी देकर इस तिलिस्म को तोड़ा है। इतना ही नहीं, लगभग 56 हजार पदों पर भर्तियां लाइन में हैं। गरीब परिवार के युवाओं को नौकरी मिलते देख प्रदेश के अन्य युवाओं में भी इस उम्मीद ने घर किया है कि यदि वे पात्र हैं तो उन्हें भी बिना पर्ची और खर्ची के नौकरी मिल सकती है। अहम बात ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर अपने जनसंवाद कार्यक्रम के तहत रेवाड़ी जिले के गांव संगवाड़ी में पहुंचे तो एक व्यक्ति ने खड़े होकर उन्हें भगवान का दर्जा दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भगवान नहीं बल्कि आपके परिवार के मुखिया के नाते हैं और हर मुखिया की ये जिम्मेदारी बनती है कि वह अपने परिवार के सुख दुख को समझे। उन्होंने ये भी कहा कि गरीब को उसका वास्तविक हक देना मेरा काम है। नौकरी मैरिट व योग्यता के आधार पर बच्चों ने स्वयं ली है।
एचसीएस से लेकर ग्रुप डी तक की नौकरी के समाचार उस समय लोगों को मिले जब कोई खेतों में काम कर रहा था, या किसी दुकान या फैक्ट्री में। किसी को विश्वास ही नहीं हो रहा था कि बिना सिफारिश व पैसे के उन्हें नौकरी कैसे मिल गई। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है कि हरियाणा में सत्ता परिवर्तन के साथ-साथ वर्ष 2014 से सत्ता के मायनों में भी बदलाव महसूस किए जा सकते हैं। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री खट्टर ने अब तक के शासनकाल में ऐसे अभूतपूर्व कदम उठाए हैं जिसका सीधा लाभ हर पात्र व्यक्ति हो हुआ भी है। गरीब तबके लिए अनके कल्याणकारी योजनाएं वाकई कल्याणकारी साबित हो रही हैं तो वहीं रोजगार एवं नौकरी के मामले में भी प्रदेश एक मिशाल बनता हुआ नजर आ रहा है।
विशेष बात ये है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने समानता के अधिकार को पुख्ता करने के लिए अपनी योजनाओं में गरीबों पर विशेष फोकस रखा। उन्होंने बतौर परिवार के मुखिया ऐसे परिवारों का इस कदर हाथ थामा की आज न केवल उनकी आर्थिक स्थिति सुधर गई, बल्कि तकदीर भी संवर गई। मुख्यमंत्री ने गरीब व जरूरतमंद परिवारों में चिराग जलाए हैं, जहां गरीबी के कारण अंधकार व मायूसी का माहौल रहता था। ऐसे परिवारों के युवाओं को नौकरी मिलने से इन परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया है और समाज में एक पायदान पर ऊपर भी आए हैं। इसके अलावा समाज के ऐसे बच्चे जिनको अपने माता-पिता का नहीं पता और लालन-पालन भी बाल देखभाल संस्थानों में हो रहा है, ऐसे बच्चों का हाथ थामते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य हेतु मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक अनूठी पहल करते हुए हरिहर योजना शुरू की है। इस योजना के तहत बेसहारा, बेघर या परित्यक्ता व आत्म समर्पित बच्चों का पालन-पोषण, मुफ्त शिक्षा व रोजगार मुहैया करवाया जाता है। इस योजना के अंतर्गत मुख्यमंत्री ने 11 बच्चों को सरकारी विभागों में नौकरी के नियुक्ति पत्र सौंप कर उनके चेहरों पर मुस्कान लाई है। इन 11 बच्चों में 9 लड़कियां व 2 लडक़े हैं।
यही नहीं हरियाणा में विभिन्न विभागों में आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत अनुबंध आधार पर लगे कच्चे कर्मचारियों को ठेकेदारों के शोषण से बचाने के लिए मुख्यमंत्री ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन करवाया है। पहले सेवा प्रदाताओं व ठेकेदारों द्वारा कभी ईपीएफ व ईएसआई का लाभ न देने बारे शिकायतें आती रहती थी, लेकिन अब निगम द्वारा इन कर्मचारियों को ईपीएफ व ईएसआई का समुचित लाभ दिया जा रहा है। लगभग 90 हजार कर्मचारी निगम के तहत समायोजित किए गए हैं। पूरे प्रदेश की जनता को अपना परिवार मानने वाले मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश के अति गरीब परिवारों के आर्थिक उत्थान का जो लक्ष्य रखा था, उसके भी अब सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना के तहत सरकार ने अंत्योदय मेलों का आयोजन कर ऐसे परिवारों के सदस्यों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से जोड़ कर उन्हें स्वाभिमान बनाने की दिशा में प्रयास किए हैं। इन मेलों में 50 हजार लोगों को स्वरोजगार शुरू करने या अन्य कार्य के लिए ऋण मुहैया करवाया गया है और आज ये सभी लोग न केवल अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, बल्कि आत्मनिर्भरता से जीवनयापन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री का विजन हरियाणा को एक समृद्ध व खुशहाल राज्य बनाना है। यह तभी संभव होगा जब समाज में अंतिम पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का उदय होगा। यही अंत्योदय का मूल मंत्र है और इस दिशा में राज्य सरकार निरंतर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कुशल नेतृत्व में सरकार अपनी सबसे बड़ी संपत्ति यानी ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इन्हीं प्रयासों की सफलता अब स्पष्ट है, क्योंकि विश्व पर्यटन दिवस पर नई दिल्ली के भारत मंडपम में पर्यटन मंत्रालय द्वारा हरियाणा पर्यटन निगम को ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने और देश के 775 गांवों में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। हरियाणा के तलाव गांव को कांस्य श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव 2023 के रूप में मान्यता और पुरस्कार दिया गया है। यह गांव पारंपरिक खेती, बागवानी, खाद और जल संरक्षण को प्रदर्शित करने वाले फार्म टूरिज्म के लिए जाना जाता है। तलाव के आसपास के आकर्षणों में भिंडावास वन्य जीव अभयारण्य, सुल्तानपुर पक्षी अभयारण्य, हरि-वन-औषध वाटिका और नवग्रह वाटिका शामिल हैं, जो जैव विविधता के हॉटस्पॉट से घिरे हुए हैं। तलाव गांव ने दूसरों के लिए अनुसरण करने के लिए एक मानक स्थापित किया है, क्योंकि इसने सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता के 9 स्तंभों में सर्वश्रेष्ठ मामलों का प्रदर्शन किया है। तलाव को 31 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त 795 आवेदनों में से चुना गया था, जो स्पष्ट रूप से ग्रामीण पर्यटन के मूल्यों और प्रथाओं का सर्वोत्तम प्रदर्शन दर्शाता है।
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