दिल्ली। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रोहिंग्या मामले में केंद्र सरकार के दावों और भाजपा के आरोपों पर जवाब दिया है. सिसोदिया ने अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला किया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी द्वारा रोहिंग्या को फ्लैट में शिफ्ट किए जाने के एलान के बाद से ही दिल्ली की सियासत में उफान आ गया है.
केंद्र सरकार ने बक्कड़वाला इलाके में स्थित एनडीएमसी के ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में रोहिंग्याओं को स्थायी रूप से बसाने का खाका तैयार किया है. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने स्वयं ऑन रिकॉर्ड रोहिंग्याओं को बसाने का श्रेय लिया और केंद्र सरकार द्वारा रोहिंग्याओं को मुफ्त में स्थायी आवास देने को एक ऐतिहासिक निर्णय बताया. डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली की चुनी हुई सरकार और मुख्यमंत्री को दरकिनार करते हुए दिल्ली में रोहिंग्याओं को स्थायी रूप से बसाने के लिए एलजी के साथ मिलकर यह साजिश रची है. सिसोदिया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को अंधेरे में रखते हुए दिल्ली में रोहिंग्याओं को बसाने का निर्देश दिया. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के ट्वीट करने के बाद मचे हंगामे के बाद केंद्र सरकार दिल्ली सरकार पर इसका आरोप लगाने की कोशिश कर रही है. यह बात इससे साफ होती है कि केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को दरकिनार करने के लिए दिल्ली पुलिस के अफसरों को निर्देश दिया कि इस मामले की फाइल मुख्यमंत्री की बजाय सीधे एलजी को भेजी जाए.
मनीष सिसोदिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह कांग्रेस ने बांग्लादेशियों को बसाकर अपना वोट बैंक बनाया, उसी तरह पीएम मोदी भी रोहिंग्याओं को अपना वोट बैंक बनाना चाहते हैं. पीएम मोदी कहते हैं कि उनके पास मुफ्त शिक्षा व स्वास्थ्य के लिए पैसे नहीं हैं, लेकिन वे रोहिंग्याओं पर करोड़ों रुपए खर्च करने के लिए तैयार हैं. कश्मीरी पंडित हर रोज मारे जाते हैं, लेकिन पीएम मोदी ने रोहिंग्याओं को 'घर जमाई' की तरह अपनाया है. हरदीप पुरी का दावा है कि दिल्ली पुलिस रोहिंग्याओं को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान करेगी. पीएम रोहिंग्याओं को स्थायी दुकानें देने की योजना बना रहे हैं. अगर केंद्र रोहिंग्याओं को बसाने के लिए इतना ही उतावला है, इनको भाजपा शासित किसी राज्य में बसा ले. दिल्ली सरकार केंद्र के इस कदम का पूरी मजबूती के साथ विरोध करती है और रोहिंग्याओं को दिल्ली में नहीं बसने देगी.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि केंद्र सरकार का इरादा दिल्ली के बक्कड़वाला में एनडीएमसी द्वारा बनाए गए ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में हजारों रोहिंग्याओं को बसाने का है. दिल्ली की चुनी हुई सरकार को जब इसकी पुष्टि मीडिया रिपोर्टों के हवाले से हुई, तो दिल्ली की चुनी हुई सरकार हैरान रह गई. इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री हरदीप पुरी इस मामले में आगे आए और एनडीएमसी के इन ईडब्ल्यूएस फ्लैटों में रोहिंग्याओं के बसाने का श्रेय लेते हुए कई ट्वीट कर इसकी जानकारी साझा की.
डिप्टी सीएम ने कहा कि यह पता चला है कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार को एलजी के चहेते अधिकारियों ने जानबूझकर अंधेरे में रखा. यह भी तय किया गया था कि दिल्ली के गृह मंत्री को दरकिनार कर यह पूरी कवायद की जाएगी और यह तय किया गया कि इससे संबंधित फाइल नोट अधिकारियों द्वारा सीधे एलजी को भेजा जाएगी. हंगामा मचने के बाद केंद्र सरकार और गृह मंत्रालय ने यू-टर्न लेते हुए इस फैसले के लिए दिल्ली सरकार को दोषी ठहराने की कोशिश की, जबकि सच्चाई यह है कि केंद्र ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस और एफआरआरओ के अधिकारियों को आदेश दिया था और मुख्य सचिव को इस बैठक की अध्यक्षता करने और निर्णय लेने के लिए मजबूर किया था. साथ ही यह सुनिश्चित किया गया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार, उसके मुख्यमंत्री और गृह विभाग के मंत्री, जो कि उपमुख्यमंत्री हैं, उनको इस बैठक और इसमें लिए गए निर्णय की जानकारी न हो.
मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली सरकार केंद्र और उपराज्यपाल की साजिश का पर्दाफाश करना चाहती है कि केंद्र सरकार बड़े स्तर पर दिल्ली और देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है. दिल्ली के लोग और उनके द्वारा चुनी हुई दिल्ली सरकार इस कृत्य को बर्दाश्त नहीं करेगी. अगर केंद्र सरकार इन रोहिंग्याओं का कल्याण करना चाहती है, तो इनको दिल्ली के बजाय अपने किसी भी भाजपा शासित राज्य में ले जाए और वहां बसाए.