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खजुराहो के 47वें नृत्य महोत्सव में मणिपुरी कलाकारों ने किया मंत्रमुग्ध प्रदर्शन, प्रकृति में फैले उत्सवी माहौल की दिखीं झलक

Apurva Srivastav
26 Feb 2021 5:35 PM GMT
खजुराहो के 47वें नृत्य महोत्सव में मणिपुरी कलाकारों ने किया मंत्रमुग्ध प्रदर्शन,  प्रकृति में फैले उत्सवी माहौल की दिखीं झलक
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खजुराहो में 47वें नृत्य महोत्सव की आखिरी प्रस्तुति पूर्णिमा अशोक के भरतनाट्यम की रही।

खजुराहो में 47वें नृत्य महोत्सव की आखिरी प्रस्तुति पूर्णिमा अशोक के भरतनाट्यम की रही। पद्मभूषण धनंजयन से नृत्य की बारीकियां सीखने वाली पूर्णिमा ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं। इससे पहले नृत्य कलाकारों ने मणिपुरी नृत्य डोला चोलम से बसंत ऋतु के आगमन के बाद प्रकृति में फैले उत्सवी माहौल को प्रदर्शित कर मंत्रमुग्ध कर दिया।

खजुराहो महोत्सव के समापन समारोह की शुरुआत मणिपुरी नृत्य से हुई
महोत्सव में शुक्रवार को समापन समारोह की शुरुआत जवाहर लाल नेहरू मणिपुर डांस अकादमी के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मणिपुरी नृत्य से हुई। जवाहर लाल नेहरू मणिपुर के तत्कालीन राजा बोधचन्द्र सिंह के आमंत्रण पर रासलीला देखने मणिपुर पहुंचे थे। तब उन्होंने इंफाल में मणिपुरी नृत्य संस्थान की स्थापना की घोषणा की थी। संस्थान के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मणिपुरी नृत्य डोला चोलम में बसंत ऋतु के आगमन के बाद प्रकृति में फैले उत्सवी माहौल को प्रदर्शित किया गया।

ओडिसी नृत्य की आर्या नंदे की प्रस्तुति को खूब दाद मिली
दूसरी प्रस्तुति ओडिसी नृत्य की आर्या नंदे ने दी। गजेन्द पांडा की शिष्या आर्या ओडिसी नृत्य की एकल व समूह प्रस्तुतियों के लिए प्रख्यात हैं। मलेशिया के स्वास्थ्य मंत्री व छत्त्तीसगढ़ के राज्यपाल से सम्मानित आर्या की प्रस्तुति को खूब दाद मिली।
आदिवासी बच्चों ने दिखाए शानदार करतब
महोत्सव के साथ ही मप्र आदिवासी लोक कला परिषद द्वारा लोकरंजन कार्यक्रम में कुंदरपुरा गांव के आदिवासी बच्चों ने बुंदेली लोक नृत्य नोरता की प्रस्तुति दी। यहां बुंदेली कवि इंद्रजीत दीक्षित और बेबी राजा ने बुंदेली लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी।

निशुल्क मंदिर भ्रमण, कोरोना के कारण महोत्सव में विदेशी पर्यटक नहीं आए
महोत्सव के साथ ही मप्र पर्यटन विकास निगम द्वारा आयोजित सात दिवसीय हैरिटेज वाक का भी समापन हो गया। यहां रोजाना सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक पर्यटकों को मान्यता प्राप्त गाइडों ने पश्चिम मंदिर समूह का निशुल्क भ्रमण कराया। महोत्सव में इस बार कोरोना के कारण विदेशी पर्यटक नहीं आ पाए। दिन में पर्यटकों ने शिल्प मेला और बुंदेली व्यंजनों का आनंद लिया।
अंतराष्ट्रीय स्तर के आयोजन खजुराहो महोत्सव में आयोजकों की लापरवाही भी साफ नजर आई। यहां अंतिम समय तक समापन समारोह के अतिथि को लेकर असमंजस रहा। अंत में स्थानीय पूर्व मंत्री ललिता यादव व कलेक्टर शीलेंद्र सिंह से औपचारिक समापन कराया गया।


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