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मणिपुर सरकार ने अवैध अफीम की खेती के खिलाफ अभियान शुरू किया
jantaserishta.com
2 Jan 2023 2:29 AM GMT
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फाइल फोटो
इंफाल (आईएएनएस)| मणिपुर सरकार ने राज्य के पहाड़ी इलाकों में बड़े पैमाने पर हो रही अवैध अफीम की खेती के खिलाफ अभियान शुरू किया है, अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पिछले छह महीनों के दौरान पहाड़ी गांवों के पांच प्रमुखों सहित कुल 703 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 400 एकड़ से अधिक अफीम के खेती को नष्ट कर दिया गया है।
अफीम की खेती बड़ी संख्या में लोगों के लिए आय का एक आसान स्रोत है, क्योंकि इसका उपयोग मॉर्फिन सहित कई दवाओं के उत्पादन में किया जाता है। अफीम की अवैध खेती मुख्य रूप से छह पहाड़ी जिलों- उखरूल, सेनापति, कांगपोकपी, कामजोंग, चुराचंदपुर और टेंग्नौपाल में चल रही है।
अधिकारी के अनुसार, 2017 और 2022 के बीच मणिपुर पुलिस सहित विभिन्न कानून लागू करने वाली एजेंसियों द्वारा लगभग 18,000 एकड़ अवैध अफीम के बागान को नष्ट कर दिया गया था। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह, जिन्होंने हाल ही में अफीम की खेती करने वालों के लिए वैकल्पिक खेती की घोषणा की थी, उन्होंने कहा था कि "स्वेच्छा से आत्मसमर्पण करने वाले अफीम किसानों को पुलिस मामलों से छूट दी जाएगी। अफीम की खेती को प्रोत्साहित करने और समर्थन करने वालों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।"
सिंह ने कहा, "पिछले साल (2022) फरवरी-मार्च के चुनावों में भाजपा सरकार के दूसरी बार सत्ता में आने के बाद, नशीले पदार्थो के खिलाफ युद्ध एक जन आंदोलन बन गया है। राज्य में अवैध अफीम के बागानों को नष्ट करने के प्रयास जारी हैं, मुख्यमंत्री ने हाल ही में संकेत दिया कि यदि मामले से निपटना कठिन है तो इस मुद्दे को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) या नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) को सौंपे जाने की संभावना है।"
पूर्वी मणिपुर के पांच जिले म्यांमार के साथ लगभग 400 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं, म्यांमार के साथ अंतर्राष्ट्रीय सीमा के 10 प्रतिशत से भी कम हिस्से पर बाड़ लगाई गई है, जो म्यांमार, लाओस और थाईलैंड सीमाओं के त्रि-जंक्शन - एक संपन्न ड्रग्स पेडलिंग अर्थव्यवस्था का केंद्र - 'गोल्डन ट्राएंगल' से पूर्वोत्तर भारत में अवैध ड्रग्स के व्यापार के लिए एक सुरक्षित पारगमन मार्ग की सुविधा प्रदान करता है।
'स्वर्ण त्रिभुज' से राज्य की भौगोलिक निकटता और सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक परिस्थितियां भी 'नशीले पदार्थो के खिलाफ युद्ध' के आड़े आ रही हैं। 'नशीले पदार्थो के खिलाफ युद्ध' मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है।
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