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मणिपुर: सेंट्रल फोर्स की 8 और कंपनियां पहुंचीं, सरकार उठाने जा रही ये कदम
jantaserishta.com
21 Nov 2024 5:26 AM GMT
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सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली: मणिपुर में लगातर बढ़ रही हिंसा के बीच केंद्र सरकार राज्य में लगातार अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात कर रही है. बुधवार को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की आठ कंपनियां राज्य की राजधानी इंफाल पहुंची. इन बलों को संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में तैनात किया जाएगा.
एक दिन पहले ही सीएपीएफ की 11 कंपनियों का एक और जत्था राज्य में पहुंचा था. एक अधिकारी ने बताया, "सीआरपीएफ और बीएसएफ की चार-चार कंपनियां राज्य के संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में तैनात की जाएंगी." सीआरपीएफ की इन कंपनियों में से एक महिला बटालियन की है.
केंद्र ने हाल ही में घोषणा की थी कि मणिपुर में सीएपीएफ की 50 नई कंपनियां तैनात की जाएंगी. पिछले सप्ताह पहाड़ी जिले जिरीबाम में कांग्रेस और भाजपा के कार्यालयों में तोड़फोड़ किए जाने के कारण राज्य में हिंसा बढ़ गई है. ये घटनाएं तब हुईं जब भीड़ ने तीन भाजपा विधायकों (एक वरिष्ठ मंत्री) समेत एक कांग्रेस विधायक के घरों को आग के हवाले कर दिया. ये आवास इंफाल घाटी के विभिन्न जिलों में हैं, जहां अनिश्चितकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है.
सुरक्षा बलों ने शनिवार शाम को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के पैतृक आवास पर हमला करने के बड़ी संख्या में आए लोगों के प्रयास को भी विफल कर दिया.
11 नवंबर को सुरक्षा बलों और संदिग्ध कुकी-जो उग्रवादियों के बीच गोलीबारी में 10 कुकी उग्रवादी मारे गए थे. इसके बाद जिरीबाम जिले में राहत शिविर से मैतेई समुदाय की तीन महिलाओं और तीन बच्चों के लापता होने के बाद हिंसा बढ़ गई थी. कुछ दिन पहले उन छह लोगों के शव बरामद किए गए थे.
सुरक्षा कारणों की वजह से मणिपुर की इंफाल घाटी में स्कूल और कॉलेज 23 नवंबर तक बंद रहेंगे. बता दें कि जिरीबाम जिले में हिंसा के बाद राज्य में उत्पन्न ताजा तनाव के बीच घाटी के पांच जिलों- इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, बिष्णुपुर और काकचिंग में स्कूल और कॉलेज 16 नवंबर को बंद कर दिए गए थे. अब 23 नवंबर तक इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व के स्कूल-कॉलेज बंद रहेंगे. जारी आदेश के मुताबिक, सरकारी और निजी स्कूल और कॉलेज दोनों बंद रहेंगे.
आपको बता दें कि पिछले साल मई से इंफाल घाटी स्थित मैतेई और आसपास के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले कुकी समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.
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