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पटना (आईएएनएस)| बिहार में आम पर इस साल मौसम की ऐसी मार पड़ी है कि आम की मिठास कम हो गई और पल्प (गूदा) भी कम है। गूदा कम होने का सबसे बड़ा कारण आम का आकार छोटा होना है। डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा (समस्तीपुर) के सह निदेशक, अनुसंधान और प्रधान अन्वेषक, अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (फल) प्रोफेसर एस.के. सिंह ने बताया कि यह जलवायु परिवर्तन का असर है।
उन्होंने कहा, आमतौर पर मई में हवा में नमी की मात्रा कम होने और तापमान 32 से 38 डिग्री की बजाय 42 डिग्री तक पहुंच जाने से आम के फल का विकास रुक गया है। उन्होंने कहा कि तापमान बढ़ने से आम का आकार छोटा हो गया और मिठास भी कम है। उन्होंने बताया कि इस बार मंजर के समय बारिश हुई और बाद में तापमान बढ़ गया। जब आम पकने का समय आया तो तापमान सामान्य से अधिक हो गया। इससे आम की गुणवत्ता पर असर पड़ा है।
उन्होंने कहा कि फिलहाल बाजार में मालदह आम तो दिखाई दे रहा है, लेकिन अभी इसके टूटने में समय शेष है। उन्होंने कहा कि मालदह, जर्दालु, बंबइया आम अधिक प्रभावित होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि अभी सिंचाई से भी लाभ नहीं मिलता है। इससे फल टूटने लगेगा। इधर, आम व्यापारी भी इस बार जलवायु परिवर्तन से निराश हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस मौसम से लीची और आम दोनों को नुकसान हुआ है। आम की क्वालिटी में कमी आने से दाम भी कम मिल रहा है।
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