भारत
रेतीले मैदान में युद्धाभ्यास: 30 हजार सैनिकों ने लिया हिस्सा, तीनों सेनाओं का दिखा शौर्य और पराक्रम
jantaserishta.com
27 Nov 2021 6:54 AM GMT
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जैसलमेर. भारतीय सेना जैसलमेर में इन दिनों दक्षिण शक्ति (dakshin shakti exercise) नाम से अब तक सबसे बड़ा युद्धाभ्यास कर रही है. करीब 500 किलोमीटर के दायरे में चल रहे इस युद्धाभ्यास में थल सेना के साथ वायुसेना भी शामिल है. दोनों ही मोर्चों पर दुश्मनों पर हमला और बचाव का अभ्यास किया जा रहा है. गुजरात के कच्छ में भी ऐसा ही युद्धाभ्यास चल रहा है, जिसमें एक साथ आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की वॉर एक्सरसाइज चल रही है, जिसे दक्षिण शक्ति का नाम दिया गया है.
इसमें कुल 30 हजार जवान हिस्सा ले रहे हैं. भविष्य को ध्यान में रखते हुए यह ट्रेनिंग की जा रही है. इस युद्धाभ्यास का समापन शुक्रवार को होगा. समापन समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के शामिल होने की संभावना है. गुरुवार को थल सेनाध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे इसके साक्षी बने. पाकिस्तान के बॉर्डर के नजदीक चल रहे इस युद्धाभ्यास में भारतीय सेना का न केवल दम-खम दिख रहा है, बल्कि उनके रण कौशल से पाकिस्तान की सेना में हलचल मची है.
तीनों सेना थार के रेगिस्तान से लेकर कच्छ के रण तक युद्धाभ्यास कर रही है. करीब 500 किलोमीटर के दायरे में चल रहे इस वॉर एक्सरसाइज में सेना ने पूरी ताकत झोंक दी है. युद्धाभ्यास दक्षिण शक्ति के तहत सेना ने रेगिस्तान में अपनी क्षमता को परखा. युद्धाभ्यास दक्षिण शक्ति के जरिए सेना बदलते परिवेश में रणक्षेत्र के नए तरीकों पर प्रयोग कर रही है, ताकि कम से कम समय में जवाबी हमला बोलकर दुश्मन को ना केवल चौंकाया जा सके, बल्कि उसके स्ट्रेटेजिक पॉइंट पर कब्जा भी किया जा सके. इसी को ध्यान में रखकर एयर स्पेस, साइबर, इलेक्ट्रॉनिक एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को आजमाया जा रहा है. इस युद्धाभ्यास में देश में ही विकसित हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर के अलावा ड्रोन का भी उपयोग किया जा रहा है.
General MM Naravane #COAS witnessed the Airborne Exercise conducted as part of Multi Domain Operations #MDO during #ExDakshinShakti. #COAS interacted with troops at the drop zone & complimented them for astute professionalism & battle readiness.#IndianArmy#StrongAndCapable pic.twitter.com/aqBgkm2W1V
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) November 26, 2021
जैसलमेरमें चल रही इस एक्सरसाइज का शुक्रवार को समापन होगा. इस दौरान करीब 400 पैराट्रूपर्स एक साथ पैरा जंप करेंगे. ये पहला मौका है जब पाकिस्तान से सटी सीमा पर नई टेक्नोलॉजी से वॉर एक्सरसाइज की जा रही है. भविष्य के युद्ध परमाणु शक्ति से लैस देशों के बीच कम समय में और सीमित स्थान पर लड़े जा सकते हैं. ऐसे में उनमें इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप यानी IBG बनाए जाने लगे है. सभी IBG को मिशन, खतरे और इलाके के हिसाब से गठित किया गया है. IBG का आकार किसी भी सैन्य ब्रिगेड से बड़ा और किसी डिवीजन से थोड़ा कम होगा.
IBG की कमान मेजर जनरल रैंक के एक अधिकारी के पास होगी. इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप में सेना, थलसेना और वायुसेना के माहिर जवान होंगे. इस ग्रुप में टैंक, तोप, इंजीनियर्स, लॉजिस्टिक, सपोर्ट यूनिट भी होगी. अब तक ये सब अलग-अलग यूनिट के तौर पर तैनात हैं. युद्ध के वक्त एक साथ आते हैं, लेकिन अब सबको मिलाकर छोटा और मारक ग्रुप बनाया जा रहा है. इसका सिचुएशनल ट्रायल भी चल रहा है.
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