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कोलकाता (आईएएनएस)| 25 नवंबर को पश्चिम बंगाल की राजनीति में कई अटकलें लगाई जा रही थीं, जब विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने तीन अन्य भाजपा विधायकों के साथ विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी। उस बैठक का जिक्र करते हुए अधिकारी ने शनिवार को कहा कि मुख्यमंत्री की ओर से उन्हें आमंत्रित करने का मकसद उनके साथ समझौता करना था, जिसे उन्होंने अपने साथ तीन साथी विधायकों को ले जाकर विफल कर दिया।
अधिकारी ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के लोकसभा क्षेत्र डायमंड हार्बर में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "मेरे साथ समझौते की उनकी योजना थी। लेकिन मैंने उनके इरादों का पहले ही अंदाजा लगा लिया था। इसलिए, मैंने अपने तीन साथी विधायकों को मेरे साथ मुख्यमंत्री के कमरे में चलने को कहा।" अधिकारी द्वारा किए गए दावों पर तृणमूल कांग्रेस की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
25 नवंबर को प्रश्नकाल सत्र के बाद विधानसभा के मार्शल ने अधिकारी को सूचित किया कि मुख्यमंत्री अपने कमरे में उनके साथ बैठक करना चाहती हैं। हालांकि, अधिकारी ने अकेले जाने के बजाय साथी भाजपा विधायकों मनोज तिग्गा, अशोक लाहिड़ी और अग्निमित्रा पॉल को अपने साथ चलने के लिए कहा, और वह विधायकों के साथ सीएम ममता से मिले।
अधिकारी ने बैठक के बाद 25 नवंबर को कहा था, "अगर मैं मुख्यमंत्री से उनके कमरे में अकेले मिला होता, तो इससे बहुत सारी राजनीतिक अफवाहें और बहसें हो सकती थीं। इसलिए, जैसे ही मुझे सूचित किया गया कि मुख्यमंत्री मुझसे मिलना चाहती हैं तो मैंने मनोज तिग्गा, अशोक लाहिड़ी और अग्निमित्रा पॉल को मेरे साथ चलने के लिए कहा।"
इस बीच, शनिवार को डायमंड हार्बर में रैली को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि वह गले तक भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। अधिकारी ने आरोप लगाया, केंद्र सरकार से आने वाला विकास कोष आम लोगों तक नहीं पहुंच पाता है, क्योंकि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं द्वारा उन्हें बीच में ही लूटा जा रहा है।
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